वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) के वाइट हाउस में आने के बाद से बीजिंग (Beijing) के साथ वाशिंगटन के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। हालांकि दोनों देशों ने ट्रंप और जिनपिंग (Jinping) की मीटिंग से पहले एक समझौते पर सहमत होने की कोशिश की है, लेकिन इस समझौते के बाद ट्रंप प्रशासन की तरफ से कुछ ऐसा कहा गया जो चीन को नागवार गुजरा। दरअसल, अमेरिका के प्रतिनिधि मंडल के सदस्य स्कॉट बेसेंट ने कहा कि चीन कई बातों पर सहमत हो गया है, जिससे उसके ऊपर अब 100 फीसदी टैरिफ का खतरा नहीं है। चीनी उप प्रधानमंत्री ली कियांग ने सोमवार को इस बयान की अप्रत्यक्ष रूप से निंदा करते हुए कहा कि व्यापार के मामले में दुनिया को जंगल के कानून की तरफ नहीं लौटना चाहिए।
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक कियांग ने आर्थिक वैश्विकरण और वैश्विक राजनीति में बहुध्रुवीयता को भविष्य की बात के रूप में स्वीकार किया। उन्होंने कहा, “आर्थिक वैश्वीकरण और बहुध्रुवीयता अपरिवर्तनीय हैं। दुनिया को जंगल के उस कानून की ओर नहीं लौटना चाहिए जहाँ ताकतवर लोग कमजोर लोगों को धमकाते हैं।”
गौरतलब है कि शी और ट्रंप की दक्षिण कोरिया में होने वाली बैठक के लिए समझौते पर बात कर रहे दोनों देशों के प्रतिनिधियों में ली कियांग और अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट दोनों शामिल थे। दो दिनों तक चली इस बैठक के बाद चीन और अमेरिका के बीच में कुछ सहमति बन गई थी। इस पर टिप्पणी करते हुए बेसेंट ने कहा था कि चीनी वस्तुओं पर अतिरिक्त 100 फीसदी टैरिफ लगाने की ट्रंप की धमकी खत्म हो गई है। उन्होंने कहा, “हमारी दो दिवसीय बैठक बहुत अच्छी रही। मेरा मानना है कि इसलिए यह अभी की स्थिति से 100% अधिक होगा, और मेरा मानना है कि यह अब पूरी तरह से विचारणीय नहीं है। मुझे उम्मीद है कि 100% का खतरा दूर हो गया है, और चीन द्वारा विश्वव्यापी निर्यात नियंत्रण व्यवस्था लागू करने का खतरा भी दूर हो गया है.
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