वशिंगटन। अमेरिका (US) की हरकत पर चीन एक बार फिर भड़क उठा है। असल में दो अमेरिकी सीनेटरों (US senators) ने ताइवान (Taiwan) की यात्रा की थी। चीन ताइवान (Taiwan) को अपना हिस्सा बताता है। ऐसे में अमेरिकी अधिकारियों का ताइवाना जाना और वहां के लोगों से मिलना चीन को रास नहीं आया। चीन ने इस दौरे की आलोचना करते हुए इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया है। अमेरिकी सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के अध्यक्ष रोजर विकर और नेब्रास्का की रिपब्लिकन डेब फिशर शुक्रवार को ताइपे पहुंचे। उन्होंने अमेरिका-ताइवान संबंधों, क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार और निवेश पर चर्चा करने के लिए ताइवान के वरिष्ठ नेताओं के साथ कई उच्च-स्तरीय बैठकें की।
चीन क्यों कर रहा विरोध
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने इस यात्रा का विरोध करते हुए कहा कि यह चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करती है। इसके अलावा यह यात्रा अलगाववादी ताइवान स्वतंत्रता बलों को एक गंभीर रूप से गलत संकेत देती है। अमेरिका ताइवान को हथियारों की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा देश है। यह बीजिंग के आक्रमण के खतरे के खिलाफ सुरक्षा की गारंटी के हिस्से के रूप में ताइवान को नवीनतम पीढ़ी के टैंक, वायु रक्षा मिसाइलें और उन्नत एफ-16 जेट लड़ाकू विमान प्रदान करता है। चीन, ताइवान को अमेरिकी हथियारों की आपूर्ति को पिछले अमेरिकी प्रशासनों द्वारा किए गए समझौतों का उल्लंघन मानता है।
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