
नई दिल्ली । चीन (China) बीते कुछ सालों से अमेरिका (America) को सीधी चुनौती देकर सुपर पॉवर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। चीन अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए साम-दाम-दंड-भेद, सभी तरीके अपना रहा है। चाहे किसी देश को आर्थिक मदद देकर बाद में उसका फायदा उठाना हो, या किसी देश की पूरी संपत्ति पर कब्जा करना, चीन यह हथकंडे भी अपना रहा है। अब हाल ही में यह बात सामने आई है कि चीन यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) के स्कूलों (Schools) पर अपनी नजरें गड़ा रहा है। ड्रैगन अब तक यहां के लगभग 30 स्कूलों को खरीद चुका है। अब जानकार इसे लेकर चेतावनी जारी कर रहे हैं।
एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि पिछले एक दशक में चीनी निवेशकों ने तीस से ज्यादा स्वतंत्र स्कूलों को खरीद लिया है। इस फेहरिस्त में जल्द ही कई और स्कूल शामिल हो सकते हैं। संख्या में इजाफा होता देख ब्रिटेन के शिक्षा विभाग और सुरक्षा सेवा के अधिकारी चिंतित हैं। जानकारी के मुताबिक वे चीन को उन देशों की सूची में भी डालना चाहते हैं जो ब्रिटेन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो पाया है।
चीन का प्लान
एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने मामले पर बातचीत करते हुए बताया कि चीन ब्रिटिश एम्पायर की राह पर चल रहा है। सूत्र ने कहा, “चीन बड़ा खेल खेल रहा है और वही सब कर रहा है जो ब्रिटेन करता था। ब्रिटेन ने सबसे पहले यूनिवर्सिटी को निशाना बनाया था, लेकिन अब चीन को पता है कि कम उम्र के बच्चों को टारगेट करना ज्यादा आसान है। यह वैचारिक युद्ध है। ये बच्चे बड़े होकर कम्युनिस्ट पार्टी के लिए काम करेंगे।”
वक्त रहते निपटने की जरूरत
वहीं ब्रिटेन के विदेश मामलों की समिति के सदस्य और लेबर सांसद फिल ब्रिकेल ने ब्रिटेन की शिक्षा प्रणाली की सुरक्षा की वकालत की है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश सरकारें काफी समय से चीन द्वारा उत्पन्न इस रणनीतिक खतरे को भांप रही है। उन्होंने कहा कि वक्त रहते इससे निपटने की जरूरत है।
हालांकि चीन ने इसके पीछे की वजह कुछ और बताई है। बीजिंग स्थित वेंचर एजुकेशन नाम की कंपनी की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन के लोगों में ब्रिटिश शिक्षा की मांग बहुत है। इस वजह से ही चीनी निवेशक ब्रिटेन में निजी स्कूलों का अधिग्रहण कर रहे हैं।
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