
नई दिल्ली। चीन (China) ने रेयर अर्थ (Rare Earths) और उनसे जुड़ी तकनीकों के निर्यात पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की। इससे इन महत्वपूर्ण तत्वों पर नियंत्रण और सख्त हो गया है। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप (Trump) और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग (Jinping) के बीच इस महीने के अंत में होने वाली बैठक से पहले उठाया गया है।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी नियमों के अनुसार, अब विदेशी कंपनियों को ऐसे किसी भी उत्पाद का निर्यात करने से पहले विशेष मंजूरी लेनी होगी, जिसमें चीन से प्राप्त रेयर अर्थ तत्वों की थोड़ी भी मात्रा शामिल हो। इसमें कहा गया है कि चीन रेयर अर्थ खनन, प्रगलन, पुनर्चक्रण और चुंबक-निर्माण से संबंधित प्रौद्योगिकियों के निर्यात पर भी अनुमित संबंधी नियम लागू करेगा।
दुनिया के लगभग 70 प्रतिशत रेयर अर्थ खनन में चीन का योगदान है। वैश्विक रेयर अर्थ प्रसंस्करण का लगभग 90% भी चीन के नियंत्रण में है। ऐसी सामग्रियों तक पहुंच वाशिंगटन और बीजिंग के बीच व्यापार वार्ता में विवाद का एक प्रमुख मुद्दा है। ट्रम्प ने चीन से आयातित कई उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा दिया है, वहीं बीजिंग ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण खनिजों पर नियंत्रण दोगुना कर दिया है। इससे अमेरिका और अन्य स्थानों पर निर्माताओं के लिए संभावित कमी की चिंता बढ़ गई है।
यह अभी स्पष्ट नहीं है कि चीन विदेशों में नई नीतियों को किस प्रकार लागू करने की योजना बना रहा है। महत्वपूर्ण खनिजों का उपयोग जेट इंजन, रडार प्रणाली और ऑटोमोटिव से लेकर लैपटॉप और फोन सहित उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स तक, उत्पादों की एक विस्तृत शृंखला में किया जाता है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि नए प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा को बेहतर ढंग से सुरक्षित रखने और सैन्य जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में उपयोग को रोकने के लिए हैं, जो चीन या उसकी संबंधित प्रौद्योगिकियों से संसाधित या प्राप्त रेयर अर्थ से उत्पन्न होते हैं।
इसमें कहा गया है कि कुछ अज्ञात विदेशी निकायों और व्यक्तियों ने सैन्य या अन्य संवेदनशील उपयोगों के लिए चीन से रेयर अर्थ तत्वों और प्रौद्योगिकियों को विदेशों में स्थानांतरित किया है, जिससे इसकी राष्ट्रीय सुरक्षा को काफी नुकसान पहुंचा है। चीन ने कहा है कि कुछ विदेशी संस्थाओं और व्यक्तियों ने रेयर अर्थ तत्वों और संबंधित तकनीकों को चीन से बाहर स्थानांतरित कर उनका इस्तेमाल सैन्य या अन्य संवेदनशील उद्देश्यों के लिए किया, जिससे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
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