
वाशिंगटन । अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया (US, UK and Australia) ने कहा है कि वे हाल ही में गठित सुरक्षा गठबंधन ‘ऑकस’ (aukus) के तहत हाइपरसोनिक मिसाइल (hypersonic missile) के निर्माण के लिए मिलकर काम करेंगे। तीनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन (China) की बढ़ती सैन्य आक्रामकता को लेकर जारी चिंताओं के बीच यह घोषणा की है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने ऑकस की प्रगति पर विचार करने के बाद इस योजना की घोषणा की। नेताओं ने एक साझा बयान में कहा कि वे हाइपरसोनिक, हाइपरसोनिक रोधी प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमता पर एक नया त्रिपक्षीय सहयोग बनाने के साथ ही सूचना साझा करने की प्रक्रिया को विस्तार देने तथा रक्षा नवोन्मेष पर सहयोग को गति देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अमेरिका, रूस व चीन सभी का ध्यान ऐसी मिसाइल के विकास पर है जो एक ऐसी तेज प्रणाली हो व जिसे कोई भी मौजूदा मिसाइल रक्षा प्रणाली बीच में व रोक सके।
पिछले साल चीन ने किया था परीक्षण
अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिली ने बीते साल अक्तूबर में इस बात की पुष्टि की थी कि चीन ने हाइपरसोनिक हथियार प्रणाली का परीक्षण किया है। मिली ने चीन के इस परीक्षण को बेहद अहम बताते हुए इस पर चिंता जताई थी। मॉरिसन ने कहा कि हाइपरसोनिक मिसाइलों का निर्माण ऑस्ट्रेलियाई सेना की लंबी दूरी की मारक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए दो साल पहले जारी की गई रणनीतिक योजना के अनुरूप है।
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