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ताइवान में चीनी सेना की घुसपैठ, देखे गए 33 विमान, 8 नौसेना के साथ 3 सरकारी जहाज

October 01, 2025

ताइपे। ताइवान (Taiwan) के आसपास के समुद्री एवं हवाई क्षेत्रों (Intrusion Sea and Airspace) में चीनी सेना (Chinese military) की घुसपैठ की खबर है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय (एमओडी) के मुताबिक, मंगलवार सुबह 6 बजे (स्थानीय समय) तक 33 चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) विमान, 8 चीनी नौसेना (पीएलएएन) के जहाज और 3 सरकारी जहाज सक्रिय पाए गए। ये गतिविधियां ताइवान जलडमरूमध्य एवं उसके आसपास के हवाई रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में दर्ज की गईं। इनमें से 33 विमानों में 23 ने मध्य रेखा को पार किया और ताइवान के उत्तरी, मध्य तथा दक्षिण-पश्चिमी एडीआईजेड में प्रवेश कर लिया।


एमओडी ने एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सुबह 6 बजे (यूटीसी+8) तक ताइवान के आसपास 33 पीएलए विमान, 8 पीएलएएन जहाज तथा 3 सरकारी जहाजों की मौजूदगी का पता चला। इनमें 23 उड़ानें मध्य रेखा पार करके उत्तरी, मध्य और दक्षिण-पश्चिमी एडीआईजेड में प्रवेश कर गईं। हमने इस पूरी घटना पर नजर रखी और उचित कदम उठाए हैं।

इससे एक दिन पूर्व, सोमवार को एमओडी ने 8 चीनी सैन्य विमानों, 8 नौसैनिक जहाजों और 4 सरकारी जहाजों की गतिविधियों का पता लगाया था। इन आठ उड़ानों में से छह ने मध्य रेखा को पार करके ताइवान के उत्तरी, मध्य, दक्षिण-पश्चिमी तथा पूर्वी एडीआईजेज में घुसपैठ की थी। एक्स पोस्ट में एमओडी ने बताया था कि ताइवान के आसपास 8 पीएलए विमान, 8 पीएलएएन जहाज और 4 सरकारी जहाज सक्रिय थे, जिनमें से 6 उड़ानें मध्य रेखा पार करके उत्तरी, मध्य, दक्षिण-पश्चिमी और पूर्वी एडीआईजेज में दाखिल हो गईं।

गौरतलब है कि 18 सितंबर को चीन के रक्षा मंत्री डोंग जुन ने कहा था कि उनका देश स्व-शासित ताइवान पर कब्जा कर लेगा। बीजिंग के शियांगशान फोरम में अंतरराष्ट्रीय सैन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए डोंग ने जोर देकर कहा कि ताइवान का चीन में पुनर्स्थापन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का अभिन्न अंग है। बता दें कि ताइवान एक 2.3 करोड़ आबादी वाला देश है, जो 1949 से चीन से अलग है। बीजिंग ताइवान को अपना एक अलग प्रांत मानता है और उसने ताइवान को नियंत्रण में लेने के लिए सैन्य बल के इस्तेमाल से इनकार नहीं किया है। चीन लगभग प्रतिदिन द्वीप के निकट युद्धपोत एवं विमान भेजकर ताइवान पर सैन्य दबाव बनाए रखता है।

दूसरी तरफ, ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते और उनकी सत्ताधारी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी बीजिंग के दावों को सिरे से खारिज करती है तथा कहती है कि ताइवान एक संप्रभु राष्ट्र है और इसका भविष्य इसकी जनता ही तय करेगी। डोंग ने चेतावनी दी कि चीन ताइवान की स्वतंत्रता के किसी भी अलगाववादी प्रयास को कभी सफल नहीं होने देगा और वह किसी भी बाहरी सैन्य हस्तक्षेप को नाकाम करने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा था कि चीन की सेना सभी पक्षों के सहयोग से वैश्विक शांति, स्थिरता एवं प्रगति को बढ़ावा देने वाली शक्ति के रूप में कार्य करने को तत्पर है।

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