
लखनऊ: लखनऊ के सीजेएम कोर्ट में सहारा इंडिया (Sahara India) और उसके कर्मचारियों की ओर से बैड बॉयज मिलेनियर इंडिया (Bad Boys Millionaire India) नाम की डॉक्यूमेंट्री में सहारा और सुब्रत रॉय की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया गया था. इस पर मानहानि का आरोप लगाते हुए परिवाद दाखिल किया गया था. इस पर बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने नेटफ्लिक्स के निदेशक अभिषेक नाग, डॉक्यूमेंट्री डायरेक्टर निक रिड और प्रोड्यूसर रीवा शर्मा को विचारण के लिए 15 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से तलब करने का आदेश जारी किया है.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पत्रावली पर मिले सबूतों के आधार पर तीनों अधिकारियों को प्रथम दृष्टया आईपीसी की धारा 500, 501, 502 के तहत मानहानि करने का दोषी पाया जाता है. इसलिए उन्हें विचारण के लिए कोर्ट में तलब करना समीचीन प्रतीत होता है. कोर्ट में पेश पत्रावली के मुताबिक नेटफ्लिक्स ने बैड बॉयज मिलेनियर इंडिया के नाम से एक डॉक्यूमेंट्री बनाकर अपने पोर्टल पर 5 अक्टूबर 2020 को रिलीज की थी. डॉक्यूमेंट्री पर शुरू से ही सहारा इंडिया को ऐतराज था, जिसके बाद आरोप लगाया जा रहा था कि डॉक्यूमेंट्री में सुब्रत राय सहारा की छवि को खराब तरीके से दिखाया गया था.
इस डॉक्यूमेंट्री से आहत होकर सहारा की ओर से कोर्ट में एक परिवाद दाखिल किया गया था और नेटफ्लिक्स के अधिकारियों को तलब कर दंडित करने की मांग भी की गई थी. कोर्ट में दाखिल परिवाद में कहा गया है कि डॉक्यूमेंट्री को देखने से साफ हो रहा है कि इसे जानबूझकर मसालेदार बनाया गया है, ताकि इससे ज्यादा से ज्यादा कमाई हो सके. आरोप है कि ऐसा करके सहारा और सुब्रत राय की इमेज को खराब किया गया और मानहानि कारित की गई है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved