img-fluid

सरकार कसेगी बेहिसाब मेडिकल बिलों पर पर नकेल, क्लेम पोर्टल वित्त मंत्रालय के अधीन लाने की तैयारी..

July 11, 2025

नई दिल्ली। देश में बढ़ते मेडिकल बिल (Medical bills) और बेहिसाब खर्चों (Unaccounted Expenses) पर केंद्र सरकार (Central Government) लगाम लगाने की तैयारी कर रही है। एक सरकारी सूत्र के हवाले से रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार मौजूदा मेडिकल इंश्योरेंस क्लेम पोर्टल्स को वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) के अधीन लाने की योजना बना रही है। सूत्रों ने कहा कि इसका मकसद तमाम स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं यानी अस्पतालों द्वारा मरीजों और बीमाकृत व्यक्तियों से बेहिसाब मेडिकल बिल की उगाही पर लगाम लगाना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि योजना इस बात की भी है कि भारतीय बीमा नियामक प्राधिकरण (IRDAI) स्वास्थ्य प्रदाताओं की निगरानी करे, ताकि मरीजों की जेब पर अनावश्यक बोझ न पड़े।


पेशेवर सेवा फर्म एओन की ग्लोबल मेडिकल ट्रेंड रेट्स रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में भारत में स्वास्थ्य सेवा लागत में 13% बढ़ोत्तरी होने का अनुमान है, जो वैश्विक औसत 10% से ज्यादा है। एक साल पहले यह 12 फीसदी था। सरकार और भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा किए गए एक विश्लेषण में पाया गया है कि अस्पताल मरीजों के इलाज की लागत बढ़ा रहे हैं और उच्च कवर वाले मरीजों से अधिक शुल्क वसूल रहे हैं। सूत्र ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए बताया कि इस वजह से बीमा कंपनियाँ ज़्यादा स्वास्थ्य प्रीमियम वसूल रही हैं। भारत के वित्त और स्वास्थ्य मंत्रालयों ने रॉयटर्स के टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया है।

हेल्थ क्लेम एक्सचेंज करेगा सख्त निगरानी
सूत्र ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर हेल्थ क्लेम एक्सचेंज (जो बीमा कंपनियों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और मरीजों के बीच एक लिंक के रूप में कार्य करता है) की सख्त निगरानी से बीमा कंपनियों की इलाज दरें निर्धारित करने की “सामूहिक सौदेबाजी शक्ति” में सुधार हो सकेगा। फिलहाल, इस एक्सचेंज की देखरेख स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा की जाती है। प्राधिकरण की वेबसाइट के अनुसार, इसे बीमा नियामक के साथ परामर्श से विकसित किया गया है।

बीमा कंपनियों की प्रीमियम आय घटी
बता दें कि IRDAI हेल्थ एक्सचेंज को रेग्युलेट नहीं करता है, लेकिन इस प्लेटफ़ॉर्म पर बीमा कंपनियों को जरूर रेग्युलेट करता है। उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम आय में वार्षिक वृद्धि एक साल पहले के 20% से घटकर 2024-25 में सिर्फ 9% रह गई है, क्योंकि महंगे प्रीमियम का बोझ कई लोगों की क्षमता से बाहर गए हैं। इस वजह से हेल्थ पॉलिसी नवीनीकरण कम हो रहे हैं।

Share:

  • बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन पर SC ने कहा- आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड को भी हो मान्य...

    Fri Jul 11 , 2025
    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को बिहार (Bihar) में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special in-depth Review- SIR) पर चुनाव आयोग (Election Commission) से आग्रह किया कि वह चल रहे अभियान के तहत मतदाता गणना के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड को वैध दस्तावेजों के रूप में शामिल करने पर विचार […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved