नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने शनिवार को दावा किया कि ‘मियां’ एकजुट होकर वोट डालते हैं, जिसकी वजह से वे ‘राजनीतिक रूप से मजबूत रहते हैं’, जबकि ‘हमारे लोगों’ के वोट बिखरे हुए हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि निचले असम अर्थात ब्रह्मपुत्र घाटी (Brahmaputra Valley) के पश्चिमी हिस्से के जिलों से अवैध रूप से बसने वालों को ‘और आगे बढ़ने से रोकने’ के लिए उन पर लगातार ‘दबाव’ बनाए रखना होगा.
सीएम हिमंत ने कहा, ‘मियां लोग एक साथ, एकमुश्त वोट करते हैं. इसलिए वे राजनीतिक रूप से आगे बढ़ रहे हैं. हमारे वोट बिखरे हुए हैं, इसलिए मैं हमारे लोगों से कहता हूं कि एकजुट होकर वोट करें, चाहे किसी भी पार्टी या व्यक्ति के पक्ष में क्यों न हो.’
‘मियां’ मूल रूप से असम में बांग्ला-भाषी मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक अपमानजनक शब्द है और गैर-बांग्लाभाषी लोग आमतौर पर उन्हें बांग्लादेशी घुसपैठिया मानते हैं. हाल के वर्षों में समुदाय के कार्यकर्ताओं ने प्रतिरोध के रूप में इस शब्द को अपनाना शुरू कर दिया है.
‘लोगों ने कांग्रेस को सालों तक वोट दिया, लेकिन…’
सरमा ने कांग्रेस पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टी उन लोगों की समस्याएं हल करने में नाकाम रही है, जिन्होंने वर्षों तक उसे वोट दिया. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस यहां 60 साल तक सत्ता में रही. वे ज़मीन का ‘पट्टा’ दे सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.’ उनका सदंर्भ जंगल और अन्य सरकारी ज़मीनों पर बड़े पैमाने पर हुए अतिक्रमण की ओर था, जो कथित तौर पर बांग्लाभाषी मुसलमानों द्वारा किया गया है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved