
भोपाल। कभी डकैतों और बीहड़ों के लिए कुख्यात रही चंबल की धरती अब औद्योगिक और ऊर्जा क्रांति का नया केंद्र बन रही है। रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने मुरैना जिले के पिपरसेवा में जीएचटू सोलर लिमिटेड की हाइड्रोजन निर्माण इकाई का भूमिपूजन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह परियोजना ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की नई विकास यात्रा की नींव रखेगी और जिले को औद्योगिक मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुरैना अब केवल कृषि प्रधान जिला नहीं रहा बल्कि औद्योगिक हब के रूप में भी उभर रहा है। चंबल की उपजाऊ भूमि ने सदैव किसानों का सहारा बनी है और अब यह टिकाऊ उद्योगों का भी आधार बनेगी। उन्होंने उल्लेख किया कि मुरैना की गजक आज वैश्विक स्तर पर मशहूर है और मितावली मंदिर का स्थापत्य देश की संसद के पुराने भवन के डिजाइन का प्रेरणास्रोत रहा है।
सीएम ने जानकारी दी कि सात एकड़ भूमि पर बन रही यह हाइड्रोजन इकाई प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश को ग्रीन हाइड्रोजन और बैटरी एनर्जी स्टोरेज जैसी अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ेगी। इस परियोजना से लगभग 500 युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जबकि अप्रत्यक्ष रूप से भी रोजगार के कई अवसर सृजित होंगे। डॉ. यादव ने कहा कि इस परियोजना में कोरिया और ब्रिटेन की अग्रणी कंपनियां तकनीकी सहयोग कर रही हैं। निकट भविष्य में यहां से ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन होगा, जो भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता में मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों, गरीबों और लघु उद्यमियों के लिए स्वदेशी की लड़ाई लड़ रहे हैं और प्रदेशवासी पूरी निष्ठा से इस प्रयास में उनके साथ हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि मुरैना की यह परियोजना प्रधानमंत्री की ग्रीन एनर्जी मिशन को गति देगी और प्रदेश के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी।
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