
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान मचे बड़े बवाल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने 24 घंटे के भीतर खत्म करवा दिया है। इस दौरान सीएम योगी (CM Yogi) ने घटनास्थल से विपक्षी नेताओं को दूर रखा। किसान नेताओं को एंट्री दी, रविवार रात को ही वरिष्ठ अधिकारियों की टीम खीरी भेजी और नाराज किसानों की मांगें मान लीं. इस हिंसक घटना में 8 लोगों की मौत हो गई।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा है-किसानों का राज्य सरकार के साथ कभी कोई विवाद नहीं रहा। वास्तविकता में किसानों को राज्य सरकार पर भरोसा था कि वो मुद्दे का समाधान तलाशेगी। हमने किसान नेताओं को लखीमपुर आने की छूट दी और उनकी मांगें मानीं। विपक्षी नेताओं को एंट्री इसलिए नहीं दी गई क्योंकि वहां पर स्थितियां संवेदनशील थीं।
रविवार रात ही सीनियर अधिकारियों की टीम लखीमपुर खीरी पहुंच गई थी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के निर्देश के बाद प्रशांत कुमार रविवार रात को लखीमपुर खीरी पहुंचे थे और किसान नेताओं से बातचीत उन्होंने ने ही की. उनके साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी, लखनऊ के कमिश्नर रंजन कुमार और लखनऊ की आईजी लक्ष्मी सिंह भी थीं. किसान नेताओं के साथ इनकी लंबी बातचीत हुई।
राकेश टिकैत को नहीं रोका गया
प्रशासन की तरफ से समझदारीभरा फैसला ये लिया गया कि किसान नेता राकेश टिकैत को घटनास्थन पर जाने से नहीं रोका गया। सूत्रों के मुताबिक अगर किसान नेताओं को घटनास्थल पर पहुंचने से रोक दिया जाता तो बड़ा बवाल हो सकता था. इससे किसान और ज्यादा भड़क सकते थे. सरकार ने नाराज प्रदर्शनकारियों से बातचीत के बजाए किसान नेताओं से वार्ता की।
किसानों की मांगें मान ली गईं
किसान नेताओं द्वारा रखी गई मुआवजे की डिमांड को तुरंत मान लिया गया। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे के खिलाफ किसानों की शिकायत पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। भ्रामक खबरों का फैलाव रोकने के लिए इंटरनेट सुविधाएं बाधित की गई थीं। भ्रामक खबरों से किसान नाराज हो सकते थे और वार्ता खराब हो सकती थी।
विपक्षी नेताओं को पहुंचने से रोका
इसके अलावा राज्य सरकार ने विपक्षी दलों के नेताओं की एंट्री नहीं होने दी। यूपी सरकार के सूत्रों का कहना है कि ये नेता दोनों पक्षों के बीच समझौता नहीं होने देते। इसी वजह से पंजाब और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों के हेलिकॉप्टर को लैंड करने की इजाजत नहीं दी गई। वहीं प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव और जयंत चौधरी जैसे नेताओं को लखीमपुर पहुंचने से रोका गया।
यूपी सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि ये विपक्षी नेता सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाना चाहते थे। घटनास्थल वाली जगह संवेदनशील थी, अच्छा रहेगा कि ये नेता 48 घंटे बाद उस जगह पर जाएं।
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