
नई दिल्ली । ईरान(Iran) के अपदस्थ शाह मोहम्मद रजा पहलवी(Shah Mohammad Reza Pahlavi) के बेटे रेजा पहलवी (Reza Pahlavi, son)ने ईरान में मौजूदा इस्लामी शासन(Islamic rule) के पतन की घोषणा करते हुए देशवासियों से ईरान को पुनः प्राप्त करने की अपील की है। उन्होंने ईरानी सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई को निशाने पर लेते हुए दावा किया कि वह डरे हुए चूहे की तरह छिप गए हैं और देश पर नियंत्रण खो चुके हैं। एक वीडियो संदेश में पहलवी ने कहा, “इस्लामी गणराज्य का अंत आ चुका है। जो कुछ शुरू हुआ है, वह अब नहीं बदल सकता है। भविष्य उज्ज्वल है और अब इतिहास का पन्ना पलटने का समय आ गया है। अब उठ खड़े होने का वक्त है। ईरान को वापस लेने का वक्त है।”
वीडियो में उन्होंने अतीत में युद्ध रोकने के अपने प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा, “इस्लामी गणराज्य का अंत, ईरानी राष्ट्र के खिलाफ 46 साल लंबे युद्ध का अंत है।” पहलवी ने देश के कोने-कोने से लोगों को उठ खड़े होने की अपील की। उन्होंने कहा, “बंदर अब्बास से लेकर बंदर अंजली तक शिराज से इस्फहान, तबरीज से जाहेदान, मशहद से अहवाज, शहर-ए-कोर्द से करमनशाह तक सभी आगे आएं और इस शासन का अंत करें।”
खामेनेई पर सीधा हमला
रेजा पहलवी ने आरोप लगाया कि खामेनेई छिप गए हैं और शासन की पकड़ ढीली हो चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि ईरानी सुरक्षा तंत्र अब चरमराने लगा है और एक राष्ट्रीय विद्रोह ही इस दुःस्वप्न का अंत कर सकता है। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि इस्लामी गणराज्य के पतन के बाद देश अराजकता या गृहयुद्ध में नहीं फंसेगा। उन्होंने कहा, “इस्लामी गणराज्य के पतन के बाद से डरें नहीं। हमारे पास ईरान के भविष्य के लिए एक योजना है। पहले 100 दिनों की संक्रमणकालीन व्यवस्था और एक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना के लिए हम तैयार हैं।”
सेना और सरकारी कर्मचारियों से अपील
रेजा पहलवी ने विशेष रूप से ईरानी सैन्य बलों, पुलिस, सुरक्षा कर्मियों और सरकारी कर्मचारियों से कहा, “एक मरते हुए शासन के लिए खुद को बलिदान न करें। लोग आपको बुला रहे हैं। उनके साथ खड़े हों और ईरान के पुनर्निर्माण में ऐतिहासिक भूमिका निभाएं।” अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी रेजा पहलवी ने सावधान किया। उन्होंने कहा, “इस मरणासन्न और आतंकवादी शासन को फिर से जीवनदान न दें। यह अब गिर रहा है।”
कौन हैं रेजा पहलवी?
ईरान के पूर्व शाह मोहम्मद रजा पहलवी के पुत्र हैं। 1979 की इस्लामी क्रांति में शाही शासन के पतन के बाद अमेरिका में निर्वासन में रह रहे हैं। राजशाही की बहाली की मांग नहीं, बल्कि एक धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र की स्थापना का समर्थन करते हैं। 2023 में इजरायल का दौरा कर चुके हैं और इजरायल के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए हुए हैं।
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