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कॉलेजों में अब पढ़ाएंगे जंगल, पेड़-पौधे और वन संपदा; साल के अंत में वन विभाग को मिली बहुत बड़ी सौगात

December 24, 2025

इंदौर। इस साल के अंत में वन विभाग (Forest Department) ही नहीं, बल्कि हर पर्यावरण प्रेमी (Environmental Enthusiasts) को यकीनन बहुत बड़ी सौगात मिलने जा रही है। अब इंदौर विश्वविद्यालय (Indore University) सम्बन्धित कॉलेज (Collage) के स्टूडेंट्स (Student) जंगल के पेड़- पौधे (Trees and Plants) सहित दुर्लभ और विलुप्त होती जा रही वनस्पतियों से सम्बन्धित वन संपदा और जंगल प्रबंधन के बारे पढ़ाई कर सकेंगे। इस मामले में राज्य स्तरीय एजुकेशनल कमेटी ने हरी झंडी दे दी है।

इंदौर जिला वन मंडलाधिकारी के अनुसार दुर्लभ और संकट से गुजरने वाली के अलावा विलुप्त होने वाली वन प्रजातियों सम्बन्धित आरईटी संरक्षण मॉडल के कोर्स को अब इंदौर विश्वविद्यालय के कॉलेज स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाएगा। इसके लिए इस साल में वन विभाग और देवी अहिलाबाई विश्वविद्यालय सम्बन्धित कॉलेज के अनुभवी और वरिष्ठ अधिकारियों-प्रोफेसर के साथ प्रयास किए जा रहे थे। अधिकारियों के अनुसार उनके विभाग और पर्यावरणप्रेमियों के लिए इस साल के अंत में मिलने वाली यह बड़ी उपलब्धि है।


स्टूडेंट्स लाइफ से ही पेड़-पौधे और जंगलों से युवाओं को जोडऩा है
जिला वनमंडल अधिकारी आईएफएस मिश्रा इंदौर के नेतृत्व में इंदौर वनमंडल ने इस साल दुर्लभ और संकट से गुजर रही सहित विलुप्त होने वाली वनस्पति प्रजातियों के बचाव और उनके पुनर्जीवन के लिए आरईटी संरक्षण मॉडल की शुरुआत की है। इस आरईटी संरक्षण मॉडल के अनुसार जंगल में समस्त वनस्पतियों के साथ-साथ उन पेड़-पौधे वनस्पति को संरक्षित करना विशेष रूप से आवश्यक है, जो शनै:-शनै: पारिस्थितिकी एवं मानव निर्मित जैविक दबाव से समाप्त होती जा रही है। सम्बन्धित वन्यजीवन के प्रबन्धन से समाज और हर संस्था, हर घर और हर परिवार को जोडऩा है।

जंगल-वन संपदा की रखवाली में समाज के साथ जनभागीदारी बढ़ेगी
डीएफओ इंदौर ने बताया कि वन्य जीवन से जुड़ी वन सम्पदाओं के बारे में सबको समझाने और इन्हें बचाने की जिम्मेदारी सिर्फ वन विभाग अथवा शासन-प्रशासन की ही नहीं, बल्कि हर नागरिक की होनी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि शैक्षणिक संस्थाओं, वन्य जीवन, वनस्पति प्रबन्धन का कोर्स कॉलेज की किताबों में शामिल किया जाए। इसी प्रयास के चलते इस साल होलकर कॉलेज, पुलिस प्रशासन सम्बन्धित कई संस्थाएं वन मंडल के आरईटी संरक्षण मॉडल से जुड़ चुकी हैं। इस आरईटी संरक्षण मॉडल को डीएफओ इंदौर के मार्गदर्शन में विकसित किया गया है। वन विभाग ने विश्वविद्यालय के साथ मिलकर वन और वनस्पति प्रबन्धन सम्बन्धित कोर्स के अलावा वन प्रबन्धन में प्रशिक्षण देने, शोध अनुसंधान और सम्बन्धित नर्सरियों का विकास करने का प्रस्ताव तैयार किया है ।

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