
नई दिल्ली । रूसी विदेश मंत्री (Russian Foreign Minister) सर्गेई लावरोव (Sergei Lavrov) ने कहा कि उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को स्थिर करने और ‘अंतर्राष्ट्रीय मामलों में समानता’ सुनिश्चित करने के हित में रूस-भारत-चीन (Russia-India-China) त्रिपक्षीय तंत्र (Trilateral Mechanism) को सक्रिय रूप से विकसित करने (To Actively Develop) के लिए आगे आने (Come Forward) के बारे में भारत के विदेश मंत्री (Indian Foreign Minister) एस जयशंकर (S Jaishankar) के साथ चर्चा की (Discussed)।
मॉस्को द्वारा ऊर्जा निर्यात में संभावित गिरावट की भरपाई के लिए बीजिंग और नई दिल्ली की ओर देख रहे एक सवाल के जवाब में शुक्रवार को यहां एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, “यह विशेष रूप से सच है क्योंकि तीनों देश- रूस, भारत और चीन- अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य हैं। इसलिए हमारे पास बहुत सारी योजनाएं हैं।”
मॉस्को के बारे में बात करते हुए इस साल की शुरूआत में एक आरआईसी शिखर सम्मेलन का प्रस्ताव पर कहा, “हम दोनों देशों के साथ घनिष्ठ भागीदार हैं। हम तीनों कई अंतर्राष्ट्रीय प्रारूपों में भाग लेते हैं.. हमारी ‘ट्रोइका’ – आरआईसी (रूस, भारत, चीन) है।” लावरोव अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के बाद शुक्रवार को मॉस्को के लिए रवाना हो गए।
दिल्ली में, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और जयशंकर के साथ यूक्रेन में चल रहे संकट, कच्चे तेल की पेशकश और हथियारों के सौदे पर चर्चा की। लावरोव ने प्रधानमंत्री को यूक्रेन की स्थिति से अवगत कराया, जिसमें चल रही शांति वार्ता भी शामिल है।
मोदी ने हिंसा की जल्द समाप्ति के लिए अपने आह्वान को दोहराया और शांति प्रयासों में किसी भी तरह से योगदान करने के लिए भारत की तत्परता से अवगत कराया।
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