
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के श्रीनगर की हज़रतबल दरगाह (Hazratbal Dargah in Srinagar) में 3 दिन पहले हुए जीर्णोद्धार के बाद लगाए गए संगमरमर को लेकर लोगों ने शुक्रवार को हंगामा कर दिया। मस्जिद के अंदर एक मूर्ति स्थापित करने के आरोपों लगाते हुए लोगों ने जमकर बवाल किया और गुस्साए लोगों ने पट्टिका पर अशोक चिह्न भी तोड़ दिया।
ईद-ए-मिलाद के अवसर पर शुक्रवार को श्रीनगर की हजरतबल दरगाह में तनाव फैल गया। इस दौरान दरगाह में प्रदर्शनकारियों ने हाल ही में हुए जीर्णोद्धार कार्यों के खिलाफ अपना गुस्सा जताया। यह बवाल मस्जिद के अंदर एक मूर्ति रखे जाने के आरोपों के बाद शुरू हुई। जिसमें अशोक प्रतीक चिह्न वाली संगमरमर की स्थापनाएं भी शामिल थी। बताया गया है कि इस दौरान हंगामा कर रहे कुछ लोगों के एक समूह ने एक पट्टिका पर लगे अशोक प्रतीक को तोड़ दिया। इस दौरान काफी देर तक दरगाह पर हंगामा चलता रहा।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि स्थिति तेजी से बिगड़ती चली गई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जोर देकर कहा कि मस्जिद के अंदर किसी भी मूर्ति की स्थापना अस्वीकार्य है। यह विरोध प्रदर्शन वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और भाजपा नेता डॉ. दरख़्शां अंद्राबी द्वारा प्रतिष्ठित हजरतबल दरगाह के पुनर्निर्मित गर्भगृह का उद्घाटन करने के कुछ ही दिनों बाद हुआ है।
वहीं हंगामे बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता और विधायक तनवीर सादिक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने लिखा कि “मैं कोई धार्मिक विद्वान नहीं हूं, लेकिन इस्लाम में मूर्ति पूजा सख्त मना है, यह सबसे बड़ा पाप है। हमारे ईमान की बुनियाद तौहीद है।” सादिक ने पवित्र स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि “श्रद्धेय हजरतबल दरगाह में एक मूर्ति स्थापित करना इसी मान्यता के विरुद्ध है। पवित्र स्थलों में केवल तौहीद की पवित्रता झलकनी चाहिए, और कुछ नहीं।”
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