
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने आवारा कुत्तों (Stray Dogs) या आवारा पशुओं (Animals) के काटने से होने वाली आकस्मिक मृत्यु, चोट या विकलांगता की स्थिति में राज्य के निवासियों को आर्थिक मदद (Financial Help) देने का फैसला किया है। इसको लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इसके मुताबिक पीड़ित या उसके परिवार को एक लाख से लेकर पांच लाख रुपये मुआवजा (Compensation) दिया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, सरकार ने 5 सितंबर को दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना नाम से एक स्कीम लेकर आई है। कुत्तों के काटने या गाय, बैल, गधे, कुत्ते, नीलगाय, भैंस आदि जैसे आवारा पशुओं के हमले से होने वाली आकस्मिक मृत्यु, विकलांगता या चोट के मामलों में राज्य के निवासियों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
गुरुवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह योजना परिवार पहचान पत्र (Family Identification Card) के तहत पंजीकृत सभी परिवारों को कवर करेगी, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 1.8 लाख रुपये से कम होगी। इस योजना के अंतर्गत, दुर्घटनावश मृत्यु या स्थायी विकलांगता (70 प्रतिशत या उससे अधिक) के मामलों में पीड़ित की आयु के अनुसार वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
12 वर्ष तक के बच्चों को 1 लाख रुपये, 12-18 वर्ष के आयु वर्ग के लिए 2 लाख रुपये, 18-25 वर्ष के आयु वर्ग के लिए 3 लाख रुपये, 25-45 वर्ष के आयु वर्ग के लिए 5 लाख रुपये और 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए 3 लाख रुपये दिए जाएंगे। 70 प्रतिशत से कम विकलांगता के लिए, कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923 के प्रावधानों के अनुसार, विकलांगता के प्रतिशत के अनुसार न्यूनतम 10,000 रुपये के साथ मुआवज़े की गणना की जाएगी। मामूली चोटों के लिए, 10,000 रुपये की एक निश्चित राशि दी जाएगी।
कुत्ते के काटने के मामलों में प्रत्येक दांत के निशान के लिए 10,000 रुपये और जहां त्वचा से मांस उखड़ गया हो, वहां घाव के प्रत्येक 0.2 सेमी के लिए 20,000 रुपये दिए जाएंगे। उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति दावों का सत्यापन करेगी 120 दिनों के भीतर मुआवज़ा निर्धारित करेगी और पालतू पशुओं से जुड़े मामलों में मालिक को सुनवाई का अवसर देगी। दावे घटना के 90 दिनों के भीतर ऑनलाइन दर्ज किए जाने चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज़ों में, यदि व्यक्ति को घातक चोट लगी हो तो उसके निकटतम परिजन द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र, घायल व्यक्ति के मामले में प्राथमिकी/डीडीआर, अस्पताल के रिकॉर्ड, विकलांगता प्रमाण पत्र, घावों की तस्वीरें और अन्य आवश्यक साक्ष्य शामिल हैं। मुआवज़ा सीधे परिवार पहचान पत्र (परिवार पहचान पत्र) डेटाबेस में पंजीकृत आधार-लिंक्ड बैंक खाते में स्थानांतरित किया जाएगा। मृत्यु की स्थिति में मुआवजे की राशि परिवार के मुखिया को दी जाएगी। यदि मुखिया की मृत्यु हो जाती है तो यह राशि 60 वर्ष से कम आयु के परिवार के सबसे बड़े सदस्य को या यदि वह उपलब्ध न हो तो 60 वर्ष से अधिक आयु के निकटतम सदस्य को दी जाएगी। यदि परिवार के सभी जीवित सदस्य 18 वर्ष से कम आयु के हैं, तो सहायता राशि केवल तभी जारी की जाएगी जब कोई सदस्य वयस्क हो जाएगा।
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