उज्जैन/नागदा। जिले के औद्योगिक नगर नागदा स्थित बिड़ला के ग्रेसिम उद्योग प्रबंधन के खिलाफ कर्मचारियों को कथित जबरन वीआरएस देने तथा ठेका मजदूरों को पांच माह से कार्य नहीं देने के आरोप में बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में आनलाइन एक शिकायत (क्रमांक पीएमओपीजी/ई/2020/0756161) पंजीकृत हुई है। इसमें ग्रेसिम के यूनिट हेड पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई है।यह कार्यवाही अभा असंगठित मजदूर कांग्रेस के प्रदेश संयोजक अभिषेक चौरसिया निवासी नागदा की द्वारा की गई, जिसकी प्रतिलिपि बुधवार को मीडिया को साझा की गई।
प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त जाने-माने मजदूर नेता सुल्तानसिंह शेखावत ने एजेंसी को गत दिनों दिए एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि ग्रेसिम कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने की नीति की मंशा उनके समक्ष प्रबंधन ने जताई है। इस खबर के बाद शहर में भूचाल सा मच गया। वीआरएस के माध्यम से यह संभव होगा। इस अंदरूनी निर्णय के लिकेंज हो जाने से शहर की सियासत गरमा गई। कुछ स्टाफ कर्मचारियों को नौकरियों से बाहर करने के प्रकरण भी सामने आ गए। हालांकि उद्योग के जनसंपर्क अधिकारी संजय व्यास इस प्रकार की नीति से अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं।
अभिषेक की फरियाद
कलेक्टर को भी यह शिकायत
अभिषेक ने अपनी बात के पक्ष में आदित्य बिड़ला समूह के कारपोरेट एचआर प्रमुख संतृप्त मिश्रा का एक नेशनल अंग्रेजी अखबार में दिए बयान का हवाला भी दिया है। यह बयान 22 अप्रैल 2020 को प्रकाशित हुआ था। जिसमें उन्होंने कहा था कि कर्मचारियों को रोजगार हमारी नेेतिक जिम्मेदारी लेकिन वर्तमान समय का दर्द सबको साझा करना होगा।
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