
भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में धान उपार्जन (Paddy Procurement) का बड़ा घोटाला सामने आया है. आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (Economic Offences Investigation Bureau) की छापामार कार्रवाई के दौरान करोड़ों रुपये की हेरा फेरी के सबूत मिले हैं. इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों पर निशाना साधते हुए सीबीआई जांच की मांग की है.
मध्य प्रदेश में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने 25 टीम के साथ एक साथ कई जिलों में छापामार कार्रवाई करते हुए धान उपार्जन के घोटाले का पर्दाफाश किया है. इस दौरान जबलपुर, सागर, रीवा, ग्वालियर, भोपाल की टीम एमपी के जबलपुर, बालाघाट, डिंडोरी, रीवा, सतना, मेहर, ग्वालियर, नर्मदा पुरम, नरसिंहपुर, शिवपुरी, पन्ना आदि जिले में वेयरहाउस पर छापामार कार्रवाई करते हुए धन उपार्जन में गड़बड़ी की एफआईआर दर्ज की है.
अधिकारियों ने सतना के वेयरहाउस में धान की जगह भूसा (फसलों का कचरा) निकाला. एक अनुमान के मुताबिक, 20 हजार क्विंटल धान की खरीदी में हेरा फेरी की बात सामने आ रही है. इस पूरे माल की कीमत पांच करोड़ के आसपास आंकी जा रही है. वहीं पूरे मामले में 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा, “उनके कार्यकाल में ही नर्सिंग घोटाला, परिवहन घोटाला सहित पूर्व में कई घोटाला हो चुके हैं. अब एक बार फिर बड़ा घोटाला सामने आया है. सरकार को इस मामले में सीबीआई से जांच करवाना चाहिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.”
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