
चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि किसान आंदोलन को अब कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी के लोगों ने अपने हाथ में ले लिया है। केंद्र सरकार कृषि कानूनों में संशोधन को तैयार है, इसके बावजूद कानून वापस लेने की रट ठीक नहीं।
करनाल में रविवार को किसान महापंचायत नहीं कर पाने के बाद चंडीगढ़ पहुंचे सीएम मनोहर लाल ने देर शाम को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में करनाल जिले के गांव कैमलो में हुए घटनाक्रम की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा है किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी द्वारा उकसाने पर युवाओं ने वहां का माहौल बिगाड़ा है।सीएम ने कहा कि पिछले दो दिन से इस कार्यक्रम के संदर्भ में किसान नेता गुरनाम सिंह के वीडियो वायरल हो रहे थे। गुरनाम सिंह द्वारा उकसाने पर कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ने का काम किया है। इस तरह की अंधेरगर्दी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की घटना का गलत संदेश गया है। उकसाये हुए लोगों ने माहौल बिगाड़ा है। हरियाणा सरकार सिंघु बॉर्डर पर पूरी व्यवस्था कर रही है। लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का अधिकार है।
वह रविवार को भी किसान महापंचायत के माध्यम से अपनी बात रखना चाहते थे। वहां भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। इसके बावजूद कुछ लोगों ने बहकावे में आकर वहां पर हंगामा कर दिया। सीएम ने कहा कि आज का कार्यक्रम किसानों का भ्रम दूर करने के लिए ही रखा गया था। सीएम ने अपने कार्यकाल के दौरान किसान हित में लिए गए फैसलों के उल्लेख करते हुए कहा कि कृषि कानूनों का विरोध करने से पहले इसे एक साल तक देखना चाहिए। करनाल में हुए घटनाक्रम में किसी तरह के इंटेलिजेंस फेलियर से इनकार करते हुए सीएम ने कहा कि इस मामले की सूचना पहले से थी। दो दिन से वीडियो वायरल हो रहे थे। कुछ लोगों ने माहौल सामान्य होने का दावा किया था, उन्होंने भरोसा तोड़ा है। इस मामले में सीआईडी का कोई फेलियर नहीं हुआ है।
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