
नई दिल्ली । कांग्रेस लोकसभा सांसद एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) को लेकर ऊहापोह की स्थिति में है। पार्टी थरूर के बयानों को लेकर नाराज है, पर वह फिलहाल कोई कार्रवाई करने के हक में नहीं है। पार्टी ने सिर्फ तथ्यों के आधार पर बोलने की रणनीति अपनाई है। सियासी तौर पर उनके बयानों का जवाब देने के लिए दूसरी पंक्ति के नेताओं को आगे किया है ताकि, जरूरत पड़ने या सियासी विवाद बढ़ने पर इन बयानों से किनारा किया जा सके। कांग्रेस (Congress) अपनी पार्टी के सांसद शशि थरूर के बयानों को लेकर असहज है। थरूर इन दिनों आतंकवाद पर विभिन्न देशों का दौरा कर रहे एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल (all party delegation) की अगुआई कर रहे हैं, पर उनके बयानों की वजह से पार्टी लगातार असहज है।
पार्टी अधिकृत तौर पर थरूर के खिलाफ बहुत सधे हुए अंदाज में टिप्पणी कर रही है। पर दूसरे नेताओं को उन्हें जवाब देने के लिए आगे बढ़ाया है। यही वजह है कि वरिष्ठ नेता उदित राज लगातार थरूर पर तीखा हमला बोल रहे हैं। उदित राज भी पार्टी के मंच से नहीं बल्कि निजी तौर पर बयान दे रहे हैं। खास बात यह है कि पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उदित राज के पोस्ट को दोबारा पोस्ट किया है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह एक तय रणनीति का हिस्सा है जिससे कि पार्टी के अंदर थरूर को निशाने पर रखा जा सके। ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि जब पार्टी शशि थरूर के बयानों से असहज है, तो वह उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने से क्यों हिचकिचा रही है।
थरूर को शहीद बनने का मौका नहीं देगी कांग्रेस
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस थरूर को शहीद बनने का मौका नहीं देना चाहती। क्योंकि, केरल में अगले साल विधानसभा चुनाव है और पार्टी को नुकसान हो सकता है। केरल में कांग्रेस यूडीएफ के साथ मिलकर चुनाव लड़ती है और वर्ष 2016 से सत्ता से बाहर है। रणनीतिकार मानते हैं केरल में शशि थरूर ने समर्थकों का एक वर्ग तैयार किया है। इनमें युवा, मध्यम वर्ग और महिलाएं शामिल हैं। तिरुवनंतपुरम के बाहर भी एक बड़ा तबका उनका समर्थन करता है। पर, केरल के स्थानीय नेता थरूर को एक चुनौती के तौर पर देखते हैं। इसलिए, वह चाहते हैं कि थरूर प्रदेश राजनीति से किनारा कर ले। ऐसे में कांग्रेस फिलहाल उनके खिलाफ कोई कार्रवाई के हक में नहीं है।
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