
नई दिल्ली । देश आज कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) की 26वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस मौके पर कांग्रेस (Congress) नेता राशिद अल्वी (Rashid Alvi) ने 1999 के कारगिल युद्ध (kargil war) पर अपने पुराने बयान को दोहराया और भाजपा (BJP) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी को खुफिया विफलता के कारण कारगिल विजय दिवस मनाने का कोई अधिकार नहीं है। अल्वी ने दावा किया, ‘भारतीय खुफिया एजेंसियों को कारगिल में पाकिस्तान की घुसपैठ की जानकारी नहीं थी। एक स्थानीय चरवाहे ने इसे सरकार के ध्यान में लाया।’ अल्वी ने कहा कि मेरा यह बयान 24-25 साल पुराना है, जिसे हर साल भाजपा नेता खोदकर लाते हैं और मैं हर साल इसे स्पष्ट भी करता हूं।
राशिद अल्वी ने कहा, ‘मेरा कहना है कि हमारे सशस्त्र बलों ने कारगिल में शानदार काम किया। सेना की प्रशंसा होनी चाहिए। पूरे देश को इस जीत का जश्न मनाने का अधिकार है, लेकिन भाजपा को कारगिल विजय दिवस मनाने का कोई हक नहीं है। यह भाजपा की सरकार थी। बीजेपी के पीएम (अटल बिहारी वाजपेयी) लाहौर में डिनर कर रहे थे और पाकिस्तानी सेना कारगिल में छिपी हुई थी। सरकार को यह भी नहीं पता था कि पाकिस्तान हमारे घर में घुस आया था। लद्दाख के एक चरवाहे ने सरकार को इसकी जानकारी दी।’
‘सैनिकों की शहादत के लिए कौन जिम्मेदार?’
भाजपा पर सवाल उठाते हुए राशिद अल्वी ने पूछा कि भारतीय सशस्त्र बलों के हताहतों और घायलों के लिए जिम्मेदार कौन है? उन्होंने कहा, ‘कारगिल युद्ध में हमारे 545 सैनिक शहीद हुए और 1500 घायल थे। इसके लिए जिम्मेदार कौन है? अगर हमारी सरकार को पहले से पता होता, अगर सरकार की खुफिया एजेंसी काम कर रही होती तो हमारे 545 सैनिक शहीद नहीं होते। भाजपा को जवाब देना होगा कि हमारे सैनिकों की शहादत के लिए जिम्मेदार कौन है? क्या आपको को विजय दिवस मनाने का क्या अधिकार है?’
भाजपा नेता का कांग्रेस पर पलटवार
इस बीच, भाजपा नेता प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना की है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2004 से 2009 तक कारगिल विजय दिवस को सम्मान देने से इनकार किया गया। अल्वी के बयान का हवाला देते हुए भंडारी ने कहा कि कांग्रेस के लिए भारतीय सैनिकों का शौर्य उनकी राजनीतिक असुरक्षाओं के सामने गौण था। एक्स पर पोस्ट करके भाजपा नेता ने लिखा, ‘हमारे राष्ट्र को कभी नहीं भूलना चाहिए। 2004 से 2009 तक कांग्रेस पार्टी ने कारगिल विजय दिवस को सम्मान देने से इनकार किया। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने बेशर्मी से कहा कि कारगिल कोई जश्न मनाने की चीज नहीं है। कांग्रेस के लिए भारतीय सैनिकों का शौर्य उनकी राजनीतिक असुरक्षाओं के सामने गौण था। उन्होंने कारगिल को भाजपा की जीत के रूप में देखा, न कि भारत की।’
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