
उज्जैन। महापौर पद के लिए चुनाव लडऩे के लिए दो से तीन करोड़ का खर्च आएगा और इसके प्रत्याशियों के पास पैसा होना जरुरी है। यह बात बड़े नेता कार्यकर्ताओं को कह रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बैरवा समाज द्वारा महापौर पद के लिए टिकिट की माँग की जा रही है और भाजपा कांग्रेस के उम्मीदवारों में जो बैरवा रहा वही चुनाव जीता है। पूर्व में श्री जटिया की बहन और सोनी मेहर के बीच में मुकाबला हुआ था जिसमें बैरवा समाज की सोनी मेहर महापौर बनी थीं और कांग्रेस को जीत दिलाई गई थी। इसी प्रकार मदनलाल ललावत के समय हुआ था।
अभी चर्चा चल रही है कि कांग्रेस बैरवा समाज के व्यक्ति को टिकिट नहीं दे रही है, ऐसे में कई जमीनी कार्यकर्ता और पूर्व पार्षद निराश हैं जिसे पार्टी में महापौर का टिकिट दिए जाने का वादा किया था। दो बार के पार्षद रह चुके जितेन्द्र तिलकर बैरवा समाज के सशक्त दावेदार हैं और पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता हैं और उनकी लोकप्रियता है लेकिन यह सुनकर कि चुनाव में करोड़ों रुपए लगेंगे, उनके उत्साह मेें कमी आई है..उनका कहना है कि हम 40 वर्षों से पार्टी का काम कर रहे हैं और हमने गलत तरीके से पैसा नहीं कमाया, तो हम इतनी रकम कहाँ से लाएँ। ऐसे में अब पार्टी को तय करना है कि वह केवल पैसा देखेगी या फिर लंबे समय से कार्य कर रहे कार्यकर्ताओं पर ध्यान देगी।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved