
नई दिल्ली । कांग्रेस पार्टी (congress party) और केरल से सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) के बीच दूरी लगातार बढ़ती जा रही है। पहलगाम हमले के बाद पीएम मोदी की नीति का समर्थन करने वाले और उनके बुलावे पर देश का पक्ष रखने विदेश गए थरूर अब एक बार फिर से अपने एक आर्टिकल को लेकर कांग्रेस नेताओं (Congress leaders) के निशाने पर आ गए हैं। एक दैनिक पत्रिका में लिखे अपने आर्टिकल में शशि थरूर ने 1975 में आपातकाल लगाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी की आलोचना की है। इसके बाद कांग्रेस पार्टी में उनके साथी और सांसद मणिकम टैगौर ने थरूर पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह भाजपा की लाइन पर चल रहे हैं।
मणिकम ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर किए पोस्ट में अपने साथी थरूर पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, ” जब कोई सहयोगी भाजपा की बातों को शब्दशः दोहराने लगे तो आप क्या सोचेंगे- क्या अब वह पक्षी तोता बन रहा है?.. नकल पक्षियों में अच्छी लगती है, राजनीति में नहीं।”
क्या कहा था थरूर ने
मलयालम भाषा में प्रकाशित होने वाली पत्रिका में आपातकाल के विषय पर प्रकाशित एक लेख में कांग्रेस सांसद ने आपातकाल को लेकर इंदिरा गांधी की आलोचना की। उन्होंने लिखा, “इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी ने नसबंदी अभियान चलाया जो एक क्रूरतापूर्ण कृत्य का उदाहरण बना। पिछड़े ग्रामीण इलाकों में मनमाने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हिंसा और बल का इस्तेमाल किया गया। नई दिल्ली जैसे शहरों में झुग्गियों को बेरहमी के साथ ध्वस्त कर दिया गया, जिससे हजारों लोग बेघर हो गए।”
When a Colleague starts repeating BJP lines word for word, you begin to wonder — is the Bird becoming a parrot? 🦜
Mimicry is cute in birds, not in politics.— Manickam Tagore .B🇮🇳மாணிக்கம் தாகூர்.ப (@manickamtagore) July 10, 2025
दूसरी तरफ कांग्रेस सांसद मणिकम का यह पक्षी वाला तंज शशि थरूर के उस सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि एक चिड़िया के लिए सबसे अच्छा खुला आसमान होता है। इसमें उसे उड़ने के लिए अनुमति मत मांगों। इसके अलावा शशि थरूर पहलगाम हमले के बाद से लगातार पार्टी लाइन से अलग बात करते हुए नजर आए हैं। ऐसे में जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पार्टी ‘देश पहले’ के मंत्र पर काम करती है लेकिन कुछ लोगों के लिए ‘पहले मोदी और बाद में देश’ है।
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