
नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Congress MP Rahul Gandhi) ने बेगम खालिदा जिया के निधन पर (Over the demise of Begum Khalida Zia) गहरा दुख जताया (Expressed deep Grief) । राहुल गांधी ने उनके परिवार, समर्थकों और बांग्लादेश के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की । बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया का मंगलवार सुबह निधन हो गया ।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के निधन से दुखी हूं। सार्वजनिक जीवन में अपने लंबे करियर के दौरान, उन्होंने बांग्लादेश की राजनीतिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके परिवार, समर्थकों और बांग्लादेश के लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।”
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी खालिदा जिया के निधन पर शोक जताया। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, “इंडियन नेशनल कांग्रेस की ओर से, मैं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में, उन्होंने देश की राजनीतिक यात्रा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके परिवार, समर्थकों और बांग्लादेश के लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।”
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, खालिदा जिया का मंगलवार सुबह करीब 6 बजे निधन हो गया। उन्होंने ढाका के एवरकेयर अस्पताल में आखिरी सांस ली, जहां पिछले एक महीने से ज्यादा समय से उनका इलाज चल रहा था। पार्टी के बयान में बताया गया कि फज्र की नमाज के तुरंत बाद उनका इंतकाल हुआ। खालिदा जिया के निधन की खबर सामने आते ही देश की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई।
बताया गया कि 23 नवंबर को दिल और फेफड़ों से जुड़ी गंभीर समस्याओं के चलते उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उनकी तबीयत में लगातार उतार-चढ़ाव आता रहा। बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आखिरी दिनों में वह निमोनिया से भी जूझ रही थीं और करीब 36 दिनों तक डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में रहीं। इस दौरान उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी।
पिछले कुछ वर्षों से खालिदा जिया कई पुरानी बीमारियों से पीड़ित थीं। उनके इलाज के लिए एक विशेष मेडिकल टीम बनाई गई थी, जिसमें बांग्लादेश के साथ-साथ ब्रिटेन, अमेरिका, चीन और ऑस्ट्रेलिया के डॉक्टर शामिल थे। इस महीने उन्हें बेहतर इलाज के लिए विदेश ले जाने पर भी चर्चा हुई थी, लेकिन डॉक्टरों की सलाह के बाद यह योजना रद्द कर दी गई। डॉक्टरों का कहना था कि उनकी हालत इतनी कमजोर थी कि वे अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने की स्थिति में नहीं थीं।
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