
नई दिल्ली। लोकसभा (Lok Sabha) में अटेंडेंस दर्ज कराने के सिस्टम (Attendance Recording System) को लेकर कांग्रेस सांसद (Congress MP ) ने आपत्ति दर्ज कराई है। कांग्रेस सांसद माणिकम टैगोर (Congress MP Manikam Tagore) ने यह सवाल उठाया है। उन्होंने कहाकि लोकसभा में उपस्थिति दर्ज कराने की नई प्रणाली से प्रधानमंत्री और मंत्रियों (Prime Minister and Ministers) को छूट क्यों दी गई है? गौरतलब है कि लोकसभा में आगामी मानसून सत्र से सदस्यों के लिए उपस्थिति दर्ज कराने की नई व्यवस्था शुरू होने जा रही है। इसके तहत वे लॉबी में जाकर नहीं, बल्कि अपनी आवंटित सीट पर ही उपस्थिति दर्ज करा सकेंगे। गौरतलब है कि मंत्रियों और नेता प्रतिपक्ष को अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए हस्ताक्षर करने की जरूरत नहीं है।
लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक टैगोर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि लोकसभा में सीट पर ही उपस्थिति दर्ज करने के लिए नया मल्टीमीडिया सिस्टम इस मॉनसून सत्र में प्रभावी हो जाएगा। लेकिन हमने पहले ही वक्फ विधेयक पर मत विभाजन के दौरान इसे विफल होते देखा है जब प्रणाली प्रामाणिक तरीके से काम नहीं कर रही थी। एक दोषपूर्ण प्रणाली को क्यों दोहराया जाए? उन्होंने सवाल किया कि अगर उपस्थिति दर्ज कराने की यह प्रक्रिया, पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए है, तो प्रधानमंत्री और मंत्रियों को इससे छूट क्यों?
पीएम को पेश करना चाहिए उदाहरण
टैगोर ने कहाकि क्या प्रधानमंत्री को प्रक्रिया से ऊपर होने के बजाय उदाहरण पेश करने के लिए नेतृत्व नहीं करना चाहिए? इससे पता चलेगा कि प्रधानमंत्री वास्तव में कितने दिन तक लोकसभा में मौजूद रहते हैं। उन्होंने कहाकि केवल उपस्थिति को डिजिटल बनाने के बजाए, हमें प्रणालीगत सुधारों की जरूरत है। सभी के लिए अनिवार्य उपस्थिति, पारदर्शी भागीदारी, बोलने के रिकॉर्ड और मतदान के स्वत: प्रकाशन की व्यवस्था हो। कांग्रेस सांसद ने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल उपकरण उतने ही अच्छे होते हैं, जितनी उनके पीछे की मंशा।
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