
लखीमपुर: कांग्रेस ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri Case) में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से खारिज किए जाने के बाद फिर से केंद्रीय मंत्री का इस्तीफा मांगा है. कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताना चाहिए कि वह अजय मिश्रा (Ajay Mishra) को अपने मंत्रिपरिषद से कब बर्खास्त करेंगे.
प्रियंका गांधी ने साधा निशाना
पार्टी महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने ट्वीट किया, ‘लखीमपुर किसान नरसंहार के पीड़ित परिवार संघर्षों से भरी न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं. सत्ता के संरक्षण में उन पर क्रूरतम दर्जे का अन्याय व अत्याचार हुआ. अन्नदाताओं के इन पीड़ित परिवारों की न्याय की लड़ाई में अंत तक खड़े रहना हम सबकी जिम्मेदारी है, चाहे संघर्ष कितना भी लंबा हो.’
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने कहा, ‘आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर में किसानों को रौंदने वाले मंत्री पुत्र की जमानत रद्द कर दी. अब मोदी जी अपने मंत्रिमंडल से अजय मिश्रा टेनी को कब बर्खास्त करेंगे? किसानों से विश्वासघात और हत्यारे को बचाकर ताकत देना, भाजपा कब बंद करेगी? मोदी सरकार किसानों पर कब तक जुल्म ढाती रहेगी?’ गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से दी गई जमानत सोमवार को रद्द कर दी और उससे एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करने को कहा है.
चीफ जस्टिस एन वी रमण और जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस हिमा कोहली की स्पेशल बैंच ने कहा कि हाई कोर्ट ने अप्रासंगिक विचारों को ध्यान में रखा और FIR की सामग्री को अतिरिक्त महत्व दिया. पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान आठ लोग मारे गए थे. यह हिंसा तब हुई थी, जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे. उत्तर प्रदेश पुलिस की FIR के अनुसार, एक वाहन जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे, उसने चार किसानों को कुचल दिया था. घटना के बाद गुस्साए किसानों ने वाहन चालक और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. घटना के बाद से लगातार कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं.
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