नई दिल्ली । बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र की भाजपा सरकार पर हमलावर कांग्रेस पार्टी ने अब राज्यों में रोजगार घोटाले पर सवाल उठाया है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने असम की सर्वानन्द सोनोवाल सरकार पर रोजगार के नाम पर ‘व्यापम स्कैम’ का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सब-इंस्पेक्टर भर्ती मामले में गृह मंत्री और असम सीएम सोनोवाल की नाक के नीचे घोटाला हुआ लेकिन भाजपा सरकार को पता ही नहीं चला।
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को ट्वीट कर असम में भर्ती परीक्षा में धांधली और दोषियों को बचाने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि असम में रोज़गार का “व्यापम स्कैम” होता है वो भी गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल की “नाक के नीचे”। इसके बावजूद सरकार अकर्मण्य है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जिम्मेदारी लेते हुए असम सीएम को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
सुरजेवाला ने सिलसिलेवार ट्वीट कर असम के इस नौकरी घोटाले की क्रॉनोलॉजी समझाने की भी कोशिश की है। उन्होंने कहा कि पहले सब-इन्स्पेक्टर के 597 पदों पर 66 हजार युवा परीक्षा में बैठे। यहां पेपर माफिया ने खुले आम पेपर बेचा और पैसा लूटा। फिर मामले में गिरफ़्तारी के बावजूद किसी बड़े व्यक्ति ने राष्ट्रीय किसान मोर्चा भाजपा नेता डेबन डेका को पुलिस से छुड़वाया। अब वो फ़रार है पर भाजपा को पता नहीं। इसके बाद मामले में एफआईआर दर्ज करने वाले एसएलपीआरबी चेयरमैन का ही इस्तीफ़ा हो जाता है। अब पूर्व डीआईजी पी.के. दत्ता का पेपर लीक माफिया में नाम आता है लेकिन चौकाने वाली बात यह है कि वो भी गायब हैं। यही नहीं, डेबन डेका के फ़ेसबुक पोस्ट के मुताबिक़ असम पुलिस के ‘काफी बड़े और भ्रष्ट अधिकारी’ इस पूरे मामले में लिप्त हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि असम के युवाओं का भविष्य सरेआम बेचा गया। पुलिस असली दोषियों को पकड़ नहीं पा रही। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या एक मिनट भी गृह मंत्री और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को पद पर बने रहने का अधिकार है?
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