नई दिल्ली। कांग्रेस ने संसद में एक प्रश्न के जवाब में सरकार की ओर यह कहे जाने पर कि पिछले छह महीनों में कोई चीनी घुसपैठ नहीं हुई, की तीखी आलोचना की है। प्रमुख विपक्षी पार्टी ने कहा कि यह गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय जवानों की शहादत का अपमान है। साथ ही इस जवाब के बाद सरकार को भारत-चीन सीमा पर गतिरोध को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बुधवार को संसद के बाहर विजय चौक पर पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि चीन की क्षेत्रीय आक्रामकता से जुड़ी स्थिति से निपटने में मोदी सरकार के दोहरे मापदंड से देश हैरान है।उन्होंने राज्यसभा में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय द्वारा दिए गए एक सवाल के लिखित जवाब को लेकर कहा कि ”गृह राज्यमंत्री ने संसद में कहा कि चीन से लगी सीमा पर पिछले छह महीनों में कोई घुसपैठ नहीं हुई। यह गलवान घाटी में 15 जून की रात शहीद हुए हमारे बहादुर जवानों की शहादत का अपमान है।”
पवन खेड़ा ने पूछा कि क्या गलवान घाटी में टकराव चीन की सीमा में हुआ था? क्या सरकार भारतीय सेना को ही दुश्मन के क्षेत्र में दाखिल होने की जिम्मेदार ठहरा रही है? उन्होंने कहा कि सरकार को चीन के साथ सीमा पर हालात को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आखिर क्यों चीन के आक्रामक व्यवहार के बावजूद सरकार उसके साथ कारोबारी रिश्ते बनाए हुए है। यही नहीं चीन से भारी-भरकम कर्ज भी लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बात की तस्दीक खुद सरकार से मंगलवार को संसद में की। सरकार ने बताया कि बीजिंग में मौजूद एशियन इंफ्रास्टक्चर डेवलपमेंट बैंक से 9202 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया। इससे चीन के साथ कारोबारी रिश्तों पर अंकुश लगाने को लेकर मोदी सरकार की नीति बेनकाब हो गई।
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि क्या विदेश मंत्री एस. जयशंकर अपने पूर्व के बयान पर कायम हैं कि सीमा पर जमीनी स्थिति बदलने के चीन के एकतरफा प्रयास को देखते हुए कारोबारी रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते? उन्होंने कहा कि एक तरफ हमारे सैनिक चीनी चुनौतियों का सामना कर रहे थे, दूसरी तरफ मोदी सरकार चीनी बैंक से कर्ज ले रही थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का दावा- ‘कोई घुसा नहीं है…’ अब संदिग्ध नजर आ रहा है।
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