
नई दिल्ली । देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) ने एक और बड़े संस्थान और वैधानिक निकाय पर भाजपा (BJP) के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) में पार्टी कार्यकर्ताओं को एक वृत्तचित्र के लिंक के साथ एसएमएस भेजने के आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि यह “विरोध प्रदर्शन से संबंधित सामग्री” है। कांग्रेस के अनुसार वृत्तचित्र इस पर है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कथित “वोट चोरी” कैसे हुई।
विपक्षी दल ने यह भी दावा किया कि यह ‘‘महाराष्ट्र चुनाव में धोखाधड़ी का संकेत’’ है और सूचना को दबाने के लिए सरकार के विभिन्न अंगों द्वारा समन्वित कदम उठाए जा रहे हैं। कांग्रेस के दावों पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आ सकी है।
ट्राई कब से भाजपा का आईटी सेल बन गया?
कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘अश्विनी जी, ट्राई कब से भाजपा का आईटी सेल बन गया? एसएमएस दबाने से सच्चाई नहीं दबेगी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने से लोकतंत्र नहीं रुकेगा। आप जितना सेंसर करेंगे, लोग उतनी ही ज़ोर से पूछेंगे: महाराष्ट्र 2024 के चुनाव के बारे में आप आखिर क्या छिपा रहे हैं?’’
क्या है TRAI?
बता दें कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) एक वैधानिक निकाय है, जिसे दूरसंचार क्षेत्र को रेग्युलेट करने के लिए 1997 में स्थापित किया गया था। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और यह दूरसंचार सेवाओं के लिए टैरिफ, गुणवत्ता और अन्य संबंधित मामलों पर नियम, निर्देश और आदेश जारी करके निष्पक्ष और पारदर्शी वातावरण सुनिश्चित करता है।
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस के डेटा एनालिटिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा कि कांग्रेस महाराष्ट्र में अपने कार्यकर्ताओं को यूट्यूब वृत्तचित्र ‘‘महाराष्ट्र 2024 चुनाव कैसे चुराया गया’’ के लिंक का एसएमएस भेजना चाहती थी और सरकारी प्रक्रिया के अनुसार, अनुमोदन के लिए ट्राई के पास एक आवेदन दायर किया गया था। उन्होंने दावा किया कि ट्राई ने एसएमएस भेजने की अनुमति यह कहते हुए अस्वीकार कर दी कि यह ‘विरोध से संबंधित सामग्री’ है।
चक्रवर्ती ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘गृह मंत्रालय, निर्वाचन आयोग और दूरसंचार नियामक के बीच जानकारी को दबाने के लिये इतना सटीक तालमेल कैसे हो सकता है? क्या महाराष्ट्र चुनावी धोखाधड़ी के दोष के स्पष्ट संकेतों के लिए इससे अधिक कुछ और चाहिए, जब सरकार की विभिन्न अंग मिलकर जानबूझकर सूचनाओं को छिपाने और दबाने की कोशिश कर रहे हैं?’’ उन्होंने अधिकारियों द्वारा भेजे गए संदेश का स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें उसके आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि यह “विरोध प्रदर्शन से संबंधित सामग्री” है।
इस सेंसरशिप श्रृंखला को कौन नियंत्रित करता है?
चक्रवर्ती की पोस्ट को टैग करते हुए, लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘…जब कांग्रेस ने इस लिंक के साथ एक साधारण एसएमएस भेजने की कोशिश की, तो ट्राई ने इसे ‘विरोध प्रदर्शन सामग्री’ कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया। इस सेंसरशिप श्रृंखला को कौन नियंत्रित करता है? श्री अमित शाह, श्री अश्विनी वैष्णव, श्री ज्ञानेश्वर (कुमार)।’’
गृह मंत्रालय निगरानी कर रहा
टैगोर ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘गृह मंत्रालय निगरानी कर रहा है। रेलवे/दूरसंचार मंत्रालय संचार पर रोक लगा रहे हैं। निर्वाचन आयोग मूकदर्शक बना हुआ है। महाराष्ट्र 2024 के घोटाले का सच छिपाने के लिए एक समन्वित मशीन। अमित भाई, अगर महाराष्ट्र चुनाव चोरी नहीं हुआ है, तो आप एक यूट्यूब लिंक से इतना क्यों डरते हैं?’’
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