
भोपाल। खंडवा लोकसभा उपचुनाव के समय पार्टी से बगावत करने वाले बड़वाह से विधायक सचिन बिरला को कांग्रेस विधानसभा में अपने साथ नहीं बैठाएगी। सदन की बैठक व्यवस्था में कोई परिवर्तन प्रस्तावित न कर विधायक दल ने विधानसभा सचिवालय को इसकी सूचना भी दे दी है। बिरला की सदस्यता समाप्त करने के लिए कांग्रेस की ओर से आवेदन भी दिया गया था लेकिन विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम तकनीकी आधार पर इसे निरस्त कर चुके हैं। अब विधि विशेषज्ञों से सलाह करके फिर से आवेदन करने की तैयारी चल रही है। विधानसभा के प्रत्येक सत्र के पहले सचिवालय की ओर से सदन में बैठक व्यवस्था को लेकर विधायक दल से सुझाव लिए जाते हैं। कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डा.गोविंद सिंह ने पत्र लिखकर पिछले सत्र की बैठक व्यवस्था को ही बरकरार रखने की बात कही है। इससे साफ हो गया है कि सचिन बिरला को पार्टी अपने सदस्यों के साथ नहीं बैठाएगी क्योंकि पिछले सत्र में भी उनका नाम दल की ओर से नहीं दिया गया था। डा. सिंह का कहना है कि बिरला ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में बड़वाह के बेडिय़ा में भाजपा की सदस्यता ले ली थी। अब कांग्रेस का उनसे कोई लेना-देना नहीं है। हमने उनकी सदस्यता समाप्त करने के लिए आवेदन भी दिया था, जिसे तकनीकी आधार पर निरस्त किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ इस संबंध में विधि विशेषज्ञों से परामर्श कर रहे हैं। जल्द ही फिर से आवेदन किया जाएगा।
सदस्यता समाप्त होने तक कांग्रेस दल के ही रहेंगे सदस्य
विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कि कांग्रेस भले ही सदन में उन्हें अपने साथ बैठाए या न बैठाए, इससे सचिन बिरला की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होगा। वे तब तक कांग्रेस दल के ही सदस्य माने जाएंगे, जब तक की सदस्यता के संबंध में कोई निर्णय नहीं हो जाता है। जहां तक सदन में स्थान देने की बात है तो इस संबंध में निर्णय अध्यक्ष करेंगे। पिछली बार भी उन्हें अलग स्थान दिया था। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि सत्र के पहले विधायक दल से सदन में सदस्यों की बैठक व्यवस्था को लेकर पूछा जाता है। कांग्रेस विधायक दल की ओर से पत्र आया है, जिसमें यथास्थिति रखने की बात कही है।
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