
नई दिल्ली । उत्तराखंड कांग्रेस(Uttarakhand Congress) ने पुष्कर सिंह धामी सरकार(Pushkar Singh Dhami Government) पर मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट(George Everest Estate) की 30000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 142 एकड़ हेरिटेज जमीन मात्र एक करोड़ रुपये सालाना किराये पर योग गुरु रामदेव(Yoga Guru Ramdev) के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण से जुड़ी कंपनी को देने का आरोप लगाया है। पार्टी ने इस मामले की जांच हाई कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग की है।
‘अब तक का सबसे बड़ा घोटाला’: कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने इसे राज्य का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटन विकास परियोजना के नाम पर भाजपा सरकार ने मित्र पूंजीवाद (क्रोनी कैपिटलिज़्म) को बढ़ावा दिया है।
कांग्रेस का आरोप है कि दिसंबर 2022 में जारी निविदा में जिन तीन कंपनियों ने बोली लगाई — राजस एयरोस्पोर्ट्स एंड एडवेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड, भारूवा एग्री साइंस प्राइवेट लिमिटेड और प्रकृति ऑर्गेनिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड — वे सभी आचार्य बालकृष्ण से जुड़ी थीं। यह निविदा नियमों और एंटी-कोल्यूजन कानून का उल्लंघन है।
माहरा ने दावा किया कि जिस भूमि को पट्टे पर दिया गया, उसे पहले सरकार ने एशियाई विकास बैंक (ADB) से 23.5 करोड़ रुपये कर्ज लेकर विकसित किया था। अब वही परियोजना मात्र 15 करोड़ रुपये में बालकृष्ण की कंपनी को सौंप दी गई, जिससे “कंपनी की आय आठ गुना बढ़ गई लेकिन राज्य को न्यूनतम राजस्व मिला।”
स्थानीय लोगों के हक छीनने का आरोप
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पिथौरागढ़ के गुंजी क्षेत्र में सरकार स्थानीय लोगों की जमीनें जब्त कर रही है। साथ ही, ओम पर्वत और छोटा कैलाश की यात्रा कराने वाली एक निजी कंपनी अपने होमस्टे चलाकर स्थानीय रोजगार और आजीविका को प्रभावित कर रही है। माहरा ने कहा, “धामी सरकार केवल पूंजीपतियों को फायदा पहुंचा रही है और जनता की संपत्ति चहेतों को भेंट कर रही है।”
भाजपा ने आरोपों को किया खारिज
वहीं, भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताया। पार्टी प्रवक्ता और राजपुर विधायक खजान दास ने कहा कि “निविदा प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी थी और सभी नियमों का पालन किया गया।” भाजपा का कहना है कि पट्टे पर दी गई 142 एकड़ में से केवल 7 एकड़ जमीन ही उपयोग योग्य है, बाकी जमीन पहाड़ी ढाल वाली और अनुपयोगी है।

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