
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly elections) में कांग्रेस (Congress) फिर जीरो पर आउट हो गई। इस हार पर दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव (Delhi Congress chief Devendra Yadav) का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हालिया विधानसभा चुनाव (Assembly elections) में पार्टी की लगातार तीसरी बार शून्य सीट आना उसके पिछले चुनावों के प्रदर्शन से अलग है और उन्होंने अपने आकलन के पीछे के कारण भी बताए। आपको बता दें कि कांग्रेस ने इस बार कुल 6.34 फीसदी मतदान हांसिल किए हैं, लेकिन पार्टी एक भी सीट जीतने में नाकामयाब रही है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पार्टी मतदाताओं के बीच यह धारणा बनाने में सफल रही कि यह आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के साथ त्रिकोणीय मुकाबला है, न कि दोतरफा। उन्होंने यह भी दावा किया कि नतीजों से पार्टी को उम्मीद जगी है कि वह अपने मूल मतदाताओं- दलितों, अल्पसंख्यकों और वंचितों का समर्थन फिर से जीतने में सक्षम होगी।
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख ने बताया कि कांग्रेस उन मतदाताओं का समर्थन फिर से हासिल कर सकती है जो उसके कार्यकाल के दौरान AAP के प्रति निष्ठा बदल गए थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह पुरानी पार्टी हमेशा उनकी पहली पसंद रही है। उन्होंने कहा, “हम लगातार तीसरी बार दिल्ली विधानसभा में प्रवेश नहीं कर सके। यह हमारे लिए व्यक्तिगत क्षति है, लेकिन हम यह धारणा बनाने में सफल रहे कि यह दो-तरफ़ा मुकाबला नहीं बल्कि तीन-तरफ़ा मुकाबला है।
दिल्ली विधानसभा चुनावों में गठबंधन सहयोगियों टीएमसी और सपा द्वारा कांग्रेस की बजाय आप को समर्थन दिए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी के भीतर गठबंधन एकता पर सवाल उठने लगे। सपा प्रमुख ने यह भी तर्क दिया कि उनकी पार्टी आप का समर्थन इसलिए कर रही है क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा को हराने के लिए आप सबसे बेहतर स्थिति में है। कन्नौज के सांसद ने क्षेत्रीय दलों से उन राज्यों में भाजपा से लड़ने में आगे आने का आह्वान किया, जहां वे मजबूत स्थिति में हैं।
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