
इंदौर। एमआर-4 का निर्माण शुरू किया गया है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण रोड है, जो सरवटे बस स्टैंड, लक्ष्मी बाई रेलवे स्टेशन के साथ एमआर-10 के आईएसबीटी को भी जोड़ेगी। नगर निगम द्वारा इसका निर्माण करवाया जा रहा है। भागीरथपुरा क्षेत्र के 180 मकानों की बाधा भी कायम है, जिसको लेकर निगम ने शासन को पॉलिसी बनाने के लिए पत्र भी लिखा है, ताकि हटाए जा रहे लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना में बने मकानों में शिफ्ट किया जा सके। दूसरी तरफ रेलवे का बंद पड़ा बोगदा भी खुलवाया जा रहा है और यहां पर भी सडक़ का निर्माण किया जाएगा, ताकि आने और जाने के लिए अलग-अलग रास्ते मिल सकें।
नाले का पानी भी चार बोगदों से निष्कासित होगा, जिसके बारिश में चलते पानी भरने की समस्या भी नहीं रहेगी। नगर निगम द्वारा 23 मास्टर प्लान की सडक़ों का निर्माण करवाया जा रहा है, जिसमें पहले चरण में 8 सडक़ें बन रही है। दूसरी तरफ एमआर-4 का निर्माण पहले प्राधिकरण को करना था, मगर आने वाली बाधाओं के चलते उसने नगर निगम को इसका जिम्मा सौंप दिया, क्योंकि प्राधिकरण इस सडक़ को बनाता तो उसे जमीन अधिग्रहण कर मुआवजा बांटना पड़ता, जबकि निगम को सडक़ चौड़ीकरण के अधिकार हैं, जिसमें टीओडी पॉलिसी का लाभ दिया जा सकता है।
निगम के जनकार्य समिति प्रभारी राजेन्द्र राठौर का कहना है कि भागीरथपुरा क्षेत्र के 180 मकानों की बाधा अभी कायम है। उनकी शिफ्टिंग किस तरह की जाना है उसके लिए कलेक्टर से चर्चा की गई है। इसके अलावा एक रोलिंग मिल को भी हटाया जा रहा है। मौके पर एक गुरुद्वारा भी बना, उसकी शिफ्टिंग अवश्य हो गई है। कुछ अन्य उद्योगों को भी हटाया गया है। वहीं रेलवे के जो बंद पड़े बोगदे थे उनका भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें से एक बोगदे का उपयोग यातायात के लिए भी किया जाएगा, जिससे आने और जाने की अलग-अलग सडक़ मिल जाएगी और चार बोगदों से नाले का पानी भी निकलेगा। वहीं परदेशीपुरा पुल से एमआर-4 होते हुए लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन तक एक 2600 मीटर लम्बी साढ़े 10 करोड़ रुपए की सडक़ भी निगम द्वारा बनाई जा रही है, जो कि 23 सडक़ों की सूची में शामिल है। इससे भी इस पूरे क्षेत्र के यातायात को सुगम बनाने में मदद मिलेगी। अभी यातायात का अत्यधिक दबाव रहता है और जाम की स्थिति बनी रहती है।
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