
इंदौर। बारिश के दौरान जलजमाव और अन्य शिकायतों का निराकरण करने के लिए सभी 19 झोनलों के अंतर्गत कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे, जो 24 घंटे चालू रहेंगे। निगम कमिश्नर ने अफसरों को वर्षाकाल की तैयारी के लिए अन्य कई भी निर्देश जारी किए हैं, वहीं खतरनाक मकानों को तोडऩे की मुहिम भी दो से चार दिनों में शुरू की जाएगी।
कल नगर निगम के अधिकारियों की बैठक में स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियों और विभिन्न कार्यों की समीक्षा के बाद निगमायुक्त हर्षिका सिंह ने अफसरों से कहा कि वे बारिश के चलते अपनी तैयारियों को अभी से बेहतर कर लें, ताकि बाद में किसी प्रकार की दिक्कत न आए। 15 जून से 31 अगस्त वर्षाकाल समाप्ति तक सभी 19 झोनलों के अंतर्गत विशेष कंट्रोल रूम बनाए जाएं, जहां 24 घंटे जलजमाव और उससे संबंधित शिकायतें की जा सकेंगी और इसके लिए कर्मचारियों की तैनाती के लिए पूरे चार्ट बनाए जाएं और साथ ही वर्षाकाल की अवधि में हर रोज अलग-अलग अधिकारियों की टीम दिन और रात में तैनाती झोनलों पर रखी जाए।
जलजमाव वाले क्षेत्रों में तत्काल टीमें भेजकर वहां पानी निकासी की व्यवस्थआ की जाए और इसके लिए सभी झोनलों पर आवश्यक संसाधन पहले से रखे जाएं। इसके अलावा वर्षाकाल में चोक होने वाली ड्रेनेज लाइनों की अभी से साफ-सफाई के साथ-साथ गंदे पानी आने वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर अभी से वहां कार्रवाई शुरू कर दी जाए। बारिश के दौरान नलों में गंदा पानी आने की शिकायतों के निराकरण के लिए नर्मदा प्रोजेक्ट के उपयंत्री के साथ संबंधित क्षेत्रों में ंटीमें भेजी जाएं।
170 मकान खतरनाक… अब हर रोज होगी तोडफ़ोड़
अब तक निगम की टीमें खतरनाक मकानों को तोडऩे के मामले में रिमूवल और क्षेत्रीय बीओ, बीआई को साथ लेकर कार्रवाई करने पहुंचती थी और कई बार वहां विवाद की स्थितियां भी बनती थीं। निगम कमिश्नर ने निर्देश दिए कि प्रत्येक खतरनाक मकान के मालिक को नोटिस देने के साथ-साथ उसकी तारीख बड़े अधिकारियों के यहां निर्धारित कराई जाए और फिर उसके बाद उनकी निगरानी में तोडफ़ोड़ की कार्रवाई हो। सभी झोनलों के अंतर्गत 170 से ज्यादा मकान खतरनाक पाए गए हैं। इनमें 80 मकान अतिखतरनाक हैं।
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