
दमोह: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के दमोह जिले (Damoh District) से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने शिक्षा व्यवस्था, प्रशासनिक फैसलों और संवेदनशीलता पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. यहां एक अतिथि शिक्षक (Guest Teacher) की बर्खास्तगी (Dismissal) के बाद स्कूल (School) की छात्राएं (Student) सीधे कलेक्टर से भिड़ गईं. छात्राओं का कहना है कि उनके शिक्षक निर्दोष हैं, जबकि कलेक्टर अपने फैसले पर अड़े हुए हैं और साफ कह चुके हैं कि अब वह शिक्षक स्कूल में नहीं पढ़ाएगा.
दमोह जिले के तेजगढ़ स्थित शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में 15 नवंबर को जिले के कलेक्टर सुधीर कोचर पहुंचे. यहां उन्होंने एक अभियान के तहत छात्राओं को आयरन की गोलियां बांटीं और उनसे बातचीत की. इसी दौरान एक छात्रा ने शिकायत की कि स्कूल के एक शिक्षक प्रैक्टिकल के नाम पर 50 रुपये लेते हैं. यह सुनते ही कलेक्टर नाराज हो गए. उन्होंने मौके पर ही संबंधित शिक्षक को बुलाया. पूछताछ के दौरान शिक्षक ने पैसे लेने की बात स्वीकार कर ली. इसके बाद कलेक्टर ने दमोह लौटकर उस शिक्षक की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दे दिया.
जिस शिक्षक को नौकरी से निकाला गया, उनका नाम रामप्रकाश गुप्ता है. वे स्कूल में अतिथि शिक्षक के तौर पर भूगोल पढ़ाते थे. शिक्षक का कहना है कि उन्होंने प्रैक्टिकल के नाम पर कोई पैसा नहीं लिया. उनका दावा है कि छात्राओं से जो 50 रुपये लिए गए थे, वह दमोह से मंगवाई गई फाइल और जरूरी कागजी काम के लिए थे.
इस पूरे मामले में स्कूल के प्रिंसिपल आर पी सिंह भी शिक्षक के पक्ष में नजर आए. उन्होंने भी यही कहा कि पैसे प्रैक्टिकल के लिए नहीं, बल्कि फाइल और अन्य औपचारिकताओं के लिए लिए गए थे. बावजूद इसके, शिक्षक की बात नहीं सुनी गई और 1 दिसंबर से उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं.
मामला तब और गंभीर हो गया, जब ग्रामीण इलाके की छात्राएं अपने शिक्षक के समर्थन में सामने आ गईं. 28 नवंबर को छात्राएं पहली बार दमोह कलेक्टर से मिलने आईं, लेकिन कलेक्टर नहीं मिले. इसके बाद वे दोबारा नियमित जनसुनवाई में पहुंच गईं. स्कूल यूनिफॉर्म में आई छात्राओं ने कलेक्टर के सामने खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि उनके शिक्षक ने गलत काम नहीं किया और उन्हें बेवजह निकाला गया है. इस दौरान छात्राओं और कलेक्टर के बीच तीखी बहस भी हुई.
कलेक्टर सुधीर कोचर का कहना है कि शिक्षक ने खुद उनके सामने पैसे लेने की बात स्वीकार की है. ऐसे में अब किसी और बात पर भरोसा नहीं किया जा सकता. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि छात्राओं को शिक्षक द्वारा उकसाकर भेजा जा रहा है. कलेक्टर ने साफ शब्दों में कहा कि अब वह शिक्षक स्कूल में नहीं पढ़ाएगा और नए शिक्षक की नियुक्ति की जाएगी.
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