
लखनऊ। लगता नहीं है कि उत्तर प्रदेश में सरकार नाम की कोई संस्था भी है। सर्वजन विरोधी भाजपा सरकार में न किसान, न दलित, न सवर्ण, न पत्रकार सुरक्षित हैं। सुरक्षित हैं तो सिर्फ सत्ताधीशों का विशेष वर्ग, जिसे न कानून की परवाह है और नहीं लोकलाज की। प्रदेश में अत्याचार, भ्रष्टाचार और अनाचार पर कहीं कोई नियंत्रण नहीं है। ये बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कही।
उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लोगों की मदद के बजाय शराब तस्करी में भाजपाई व्यस्त हो गए हैं। कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर के बाद किशनी में अवैध शराब का धंधा करते भाजपा का सेक्टर संयोजक पकड़ा गया। सत्ता के संरक्षण में शराब तस्करी, अवैध खनन और दूसरे अपराध खूब पनप रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जौनपुर में पुलिस की मौजूदगी में दलितों पर दबंगों ने गोलियां बरसाईं। लाठी-डंडो से पीटा। कासगंज में दबंगों ने रेप किया और पुलिस ने पीड़िता के परिवारीजनों का ही उत्पीड़न किया। गाजियाबाद में कल रात पत्रकार पर बदमाशों ने हमला किया। दो दिन पहले उन्होंने अपने ऊपर हमले की आशंका जताते हुए पुलिस से शिकायत की थी लेकिन पुलिस निष्क्रिय बनी रही। पत्रकार को गोली मार दी।
उन्होंने कहा कि मेरठ जनपद में थाना रोहटा के गांव डूंगर में कल नकली जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत हो गई, पांच लोग मेरठ के अस्पताल में भर्ती हैं। मृतकों के नाम हैं तेजवीर पुत्र आशाराम कश्यप तथा सुधीर पुत्र खड़क सिंह गूजर। आबकारी विभाग और पुलिस की लापरवाही तथा शराब के अवैध धंधेबाजो की मिलीभगत से लोगों की जिन्दगी से खिलवाड़ हो रहा है। सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी के प्रति भी राज्य की भाजपा सरकार गम्भीर नहीं है। संकट के इन दिनों में भी 20 दिन से ज्यादा हो गए चिकित्सा स्वास्थ्य का महानिदेशक पद खाली है। सरकार एक योग्य महानिदेशक का चयन तक नहीं कर सकी है। जब विभाग में मुखिया ही नहीं है तो कामकाज कैसे चुस्त-दुरूस्त होगा? (एजेन्सी, हि.स.)
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