
नई दिल्ली। कोरोना का नया दौर (New phase of Corona) शुरू हो चुका है। हांगकांग, सिंगापुर और चीन (Hong Kong, Singapore and China) में इसके मामलों में वृद्धि देखी गई है। हाल ही में भारत के महाराष्ट्र में कोरोना के नए वेरिएंट से दो लोगों की मौत की खबर सामने आई थी। महाराष्ट्र महानगरपालिका के अनुसार, राज्य में 53 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। बीते 3 दिन पहले यह आंकड़ा सिर्फ 7 से 10 लोगों का था। महाराष्ट्र के केईएम अस्पताल में हुई मौतों पर अस्पताल प्रशासन ने कोविड को कारण नहीं माना है। उनके अनुसार, 58 वर्षीय महिला को कैंसर हुआ था और 13 साल की लड़की की मौत किडनी डिजीज से हुई थी।
महाराष्ट्र का स्वास्थ्य विभाग पूरी सतर्कता बरतता हुआ नजर आ रहा है। सभी अस्पतालों में ज्यादा बिस्तरों और अन्य उपकरणों की तैयारियां कर ली गई हैं। अस्पतालों में स्पेशल वॉर्ड्स की व्यवस्था भी की गई है। मुंबई नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह कोविड-19 के नए वेरिएंट पर अपनी निगरानी बनाए हुए हैं। कोरोना एक जानलेवा वायरस है, ऐसे में सभी को यह जान लेना चाहिए कि कोविड-19 का यह नया वेरिएंट कितना खतरनाक है और किन्हें इससे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।
शारदा अस्पताल की इंटरनल मेडिसिन की सीनियर कंसल्टेंट, डॉ. श्रेय श्रीवास्तव बताते हैं कि कोरोना का यह वेरिएंट LF.7 और NB.1 है, जो ओमीक्रोन के नए सबवेरिएंट हैं। यह कम इम्यूनिटी वाले लोगों और बिना वैक्सीन लगाए लोगों को जल्दी प्रभावित करता है। इस रिपोर्ट में जानिए कोरोना के नए वेरिएंट के बारे में ये 5 जरूरी सवालों के जवाब। डॉक्टर के मुताबिक, कोरोना का नया वेरिएंट तेजी से फैलने वाला है, लेकिन अधिकतर मामलों में लक्षण हल्के हैं। हालांकि, बुजुर्ग, पहले से बीमार और बिना वैक्सीन वाले लोगों में यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है। डॉक्टर श्रेय की मानें तो अस्पताल में भर्ती के मामले कम हैं, पर सतर्क रहना जरूरी है।
नए वेरिएंट में लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे हैं, जैसे कि गले में खराश, बुखार, खांसी, नाक बहना और थकान। कुछ मामलों में सिरदर्द और हल्की सांस की तकलीफ भी हो सकती है। पुराने वेरिएंट की तुलना में इसमें स्वाद और स्मेल जाने की शिकायत कम देखी जा रही है। नया वेरिएंट सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर रहा है, लेकिन बुजुर्ग, कम इम्यूनिटी वाले और बिना वैक्सीनेशन वाले लोग अधिक रिस्क में हैं। बच्चे और युवा भी संक्रमित हो रहे हैं, पर अधिकतर मामलों में हल्के लक्षण या बिना लक्षण वाला संक्रमण देखा जा रहा है।
हालांकि, बूस्टर डोज नए वेरिएंट के खिलाफ कुछ हद तक सुरक्षा देता है। इससे गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना कम होती है। वायरस में म्यूटेशन के कारण पूरी तरह वायरस से सुरक्षा मिलना संभव नहीं है, लेकिन इससे जान जाने का जोखिम नहीं रहता है। बूस्टर डोज से इम्यूनिटी बेहतर होती है और शरीर वायरस से लड़ने में सक्षम रहता है। वैक्सीनेटेड लोगों को गंभीर संक्रमण का खतरा कम होता है, लेकिन वे फिर भी संक्रमित हो सकते हैं। अधिकतर मामलों में लक्षण हल्के रहते हैं। वैक्सीन लेने से मौत, गंभीर बीमारी और हॉस्पिटल में भर्ती का जोखिम काफी हद तक घट जाता है, इसलिए वैक्सीन अभी भी प्रभावी है।
इन सेफ्टी टिप्स का पालन करें
भीड़भाड़ से बचें।
मास्क पहनें।
हाथ बार-बार धोएं और सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
बीमार महसूस होने पर घर पर रहें और टेस्ट कराएं।
अच्छी नींद लें, संतुलित आहार का सेवन करें और वैक्सीनेशन अपडेट रखें।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और बूस्टर डोज समय पर लें।
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