
नई दिल्ली। मूडीज (Moody’s) ने शनिवार को कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट आने से वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कोरोना संक्रमण(corona infection) के कम घातक होने के साथ वायरस को लेकर चिंताएं कम हुई हैं लेकिन जी-20 अर्थव्यवस्थाओं (जी-20 अर्थव्यवस्थाओं ) में नए मामले इसका संकेत करते हैं कि नए और ज्यादा खतरनाक वैरिएंट वैश्विक अर्थव्यवस्था आउटलुक के लिए खतरा बने हुए हैं। मूडीज ने यह बात अपनी रिपोर्ट ‘इकोनॉमिक पल्स चेक : अल्टरनेटिव डाटा मॉनिटर’ में कही है।
मूडीज ने कहा है कि पूरी दुनिया में केंद्रीय बैंकों ने बढ़ती महंगाई (Dearness) पर काबू करने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि के जरिए मौद्रिक नीति को सख्त किया है। इससे वित्तीय स्थितियां पहले से कम अच्छी हुई हैं। ऋण लेना महंगा होने से परिवारों और कंपनियों पर दबाव बढ़ा है, जिससे मांग के लिए भी जोखिम पैदा हुआ है।
खाद्य पदार्थों की कीमतें घटीं
रिपोर्ट के अनुसार, इसमें एक अच्छी बात यह है कि शिपिंग सेक्टर में रुकावटें और मुख्य इनपुट की किल्लत का धीरे-धीरे समाधान हो रहा है और खाने की चीजों की कीमतें घट रही हैं, जिससे एक तरीके से आपूर्ति के मोर्चे पर दबाव भी कम हो रहा है। इससे पहले मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने मई में देश में बढ़ती महंगाई को चिंताजनक मानते हुए वर्ष 2022 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ अनुमान घटा दिया था।
उसने कहा था कि अर्थव्यवस्था में सुधार बना हुआ है लेकिन बढ़ती महंगाई ग्रोथ की उम्मीदों पर दबाव डाल रही है। इससे वर्ष 2022 में भारत की अर्थव्यवस्था 8.8 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। मूडीज ने कैलेंडर वर्ष 2022 के लिए पहले 9.1 प्रतिशत की ग्रोथ का अनुमान दिया था।
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