
मुंबई। भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र में कोरोना महामारी में जनता संकटों का सामना कर रही है। दूसरी तरफ राज्य सरकार मंत्रियों और अधिकारियों की गाड़ी पर बेहिसाब खर्च कर रही है।
पार्टी के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये का आरोप है कि कोरोना संकट के समय राज्य सरकार ने सरकारी तिजोरी से राज्य के अनेक वर्गों को आर्थिक सहायता देने से मना कर दिया। कमजोर आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए राज्य के विकास कार्यों को भी स्थगित कर दिया गया। लेकिन दूसरी ओर मंत्रियों की गाड़ी पर लाखों रुपए उड़ाए जा रहे हैं। यह सरकार जनता के लिए है कि मंत्रियों के लिए। कोरोना संकट के समय बारह बलुतेदारों का व्यवसाय पूरी तरह से बंद हो गया है। दूध उत्पादक किसानों को दूध का उचित मूल्य नहीं मिलने से उनकी परिस्थिति दयनीय हो गई है। आदिवासी समाज के लोगों को खावटी कर्ज का अभी तक वितरण नहीं हुआ है। कोरोना योद्धा पुलिस, डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मचारियों का वेतन समय पर नहीं मिल रहा है। राज्य में अनेक छोटे उद्योग संकट में हैं। बढ़ी बिजली बिल का ग्राहकों को झटका लगा है और इसका अभी तक कोई हल नहीं निकला है । दूसरी तरफ सरकार मंत्रियों की आलीशान गाड़ियों पर लाखों रुपए खर्च कर रही है। इससे पहले भी राज्य सरकार ने शिक्षा मंत्री और अधिकारियों के लिए छह गाड़ियों की अनुमति दी है। इसलिए सरकार के पास केवल मंत्रियों के लिए ही पैसा है।
केशव उपाध्ये ने कहा कि राज्य सरकार का रोना है कि केंद्र सरकार राज्य को निधि नही दे रही है। लेकिन पीएम केअर फंड से सबसे अधिक राशि महाराष्ट्र को मिली है। साथ ही जीएसटी रिटर्न्स भी महाराष्ट्र को मिला है। केंद्र सरकार ने रबी और खरीफ फसलों के खरीददारी की सीमा को बार – बार बढाया है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत राज्य के सभी समूहों की आर्थिक सहायता की गई । लेकिन राज्य सरकार ने राज्य की जनता को किसी भी स्वरूप में आर्थिक सहायता और अनुदान नहीं दिया है। (एजेन्सी, हि.स.)
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