
नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) हार्ट अटैक से मौत (Death due to heart attack) होने का कारण नहीं है। देश में बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों पर मानसून सत्र 2025 में मोदी सरकार ने यह जवाब दिया। दरअसल, देश में युवाओं की अचानक मौत और हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों को लेकर संसद में गंभीर चिंता जताई गई है। लोकसभा में शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद अरविंद गणपत सावंत और संजय उत्तमराव देशमुख ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से सवाल पूछा कि क्या देश में पिछले 5 साल में हार्ट अटैक के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है? अगर बढ़ोतरी हुई है तो इसके पीछे क्या कारण हैं?
लोकसभा में दोनों सांसदों ने स्वास्थ्य मंत्री से यह भी पूछा कि क्या मोदी सरकार ने हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों में कोई अध्ययन कराया है? क्या कोई जनजागरुकता अभियान शुरू किया गया है? क्या सरकार ने ग्रामीण और वंचित वर्ग के लोगों के लिए विशेष सुविधा या व्यवस्था की है? सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए सरकार ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) द्वारा कराई गई 2 साइंटिफिक स्टडीज का हवाला दिया। इन दोनों स्टडीज में युवाओं में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों और अचानक हुई मौतों के कारणों पर रोशनी डाली गई है।
ICMR के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (NIE) ने 18–45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों में अचानक मौतों को लेकर एक मल्टीसेंटर केस-कंट्रोल स्टडी की। स्टडी में 19 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में एक रिसर्च की गई। रिसर्च में 47 अस्पतालों को शामिल किया गया। इस अस्पतालों में रिकॉर्ड हुए अचानक मौतों के 729 केसों की स्टडी की गई। रिसर्च में 2916 स्वस्थ व्यक्तियों को भी शामिल किया गया। रिसर्च में स्पष्ट हुआ कि कोरोना वैक्सीन सेफ है।
कोरोना वैक्सीन ने मौत के खतरे को काफी हद तक कम किया है। जिन लोगों को कोरोना काल में अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। जिनके परिवार में मौत की हिस्ट्री थी, जिन्होंने 48 घंटे पहले शराब या ड्रग्स ली थी या फिजिकल एक्टिविटी की थी, उन लोगों की अचानक मौत होने की आशंका अधिक थी। इसलिए कोरोना वैक्सीनेशन मौत होने का कारण नहीं है।
दूसरी स्टडी नई दिल्ली के एम्स द्वारा की गई। एम्स ने अचानक मौत होने के कारण तलाशने के लिए रिसर्च की। रिसर्च में निष्कर्ष निकला कि हार्ट अटैक (Myocardial Infarction) युवाओं में मौत की दर बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण है। कोरोना महामारी से पहले और बाद के समय की तुलना करें मौत के कारणों के पैटर्न में कोई खास बदलाव नहीं आया है।
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