
उज्जैन। कोरोना का आज ग्राफ गिरा तथा प्रतिदिन जो 200 के आसपास केस आए थे उसमें कमी आई। रिकवरी रेट भी अच्छा है और ऐसे में लॉकडाउन की आशंका खत्म हो गई है और लोगों ने राहत की सांस ली है। वेक्सीन के डबल डोज लगने के कारण कोरोना घातक नहीं रहा है। जबकि शुरु में लॉकडाउन लगाने की बात कही जा रही थी लेकिन ऐसे में कलेक्टर आशीष सिंह ने विश्वास के साथ कहा था कि लॉकडाउन की आवश्यकता नहीं रहेगी। शहर के साथ-साथ जिले में पिछले दो दिनों से कोरोना के मामले लगातार घट रहे हैं। 25 जनवरी से कोरोना की तीसरी लहर का ग्राफ गिरता नजर आ रहा है। आज भी 1900 से ज्यादा सेम्पलों की जाँच में जिले में 137 नए केस आए हैं। इसके कारण दो दिनों से संक्रमण दर गिरकर आज 6.99 प्रतिशत पहुँच गई है। कल ठीक होने पर 132 मरीजों की छुट्टी भी हुई है। जनवरी माह के शुरुआती 3 सप्ताह में शहर और जिले में कोरोना की तीसरी लहर में सबसे ज्यादा उछाल देखा गया। 20 जनवरी तक तो कोरोना के केस 250 के पार जाने लगे थे।
परंतु इसके बाद से लगातार मामलों में गिरावट देखी जा रही है। हालांकि पड़ोसी शहर इंदौर में ओमिक्रोन के नए सब वेरिएंट बीए 2 के नए केस सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की यहाँ भी चिंताएँ बढ़ी हुई लेकिन यह राहत की बात है कि जिले में अब कोरोना का ग्राफ दो दिन से नीचे जाता दिखाई दे रहा है। आज सुबह 1958 सेम्पलों की जाँच रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग ने जारी की है जिसमें कुल 137 केस जिले में मिले हैं। इनमें 98 मामले उज्जैन शहर के हैं, जबकि 12 मामले बडऩगर तहसील के, 11 मामले नागदा के, 9 मामले महिदपुर के तथा 1-1 मामला घटिया और तराना तहसील का है। हालांकि मामले घटने के साथ पिछले दो दिनों में अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या 11 बढ़ गई है। दो दिन पहले तक कोविड केयर सेंटर और अस्पतालों में 19 मरीज भर्ती थे लेकिन यह आज संख्या बढ़कर 30 तक पहुँच गई है। इनके अलावा 1656 मरीज अभी भी होम आईसोलेशन में उपचार करा रहे हैं। नोडल अधिकारी डॉ. एच.पी. सोनानिया ने बताया कि पिछले दो दिनों के आंकड़ों के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि कोरोना की तीसरी लहर का ग्राफ अब नीचे जाने लगा है। फिर भी अगर मामले कम आ रहे हैं तो इस पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि मामलों में भले ही गिरावट आई हो लेकिन लोगों को अब पहले से ज्यादा सतर्क रहना होगा और कोरोना गाईड लाईन का पालन करना होगा, क्योंकि आसपास के शहरों में नए सब वेरिएंट के मरीज मिले हैं और यह ओमिक्रोन के पहले सब वेरिएंट से कई गुना घातक हैं। कोरोना के रिकवरी रेट में इजाफा हुआ है और बच्चों में भी संक्रमण दर कम हुई है। इसके कारण चिकित्सकों का कहना है कि अब खतरनाक स्थिति नहीं आएगी।
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