
इंदौर। शहर को वायु प्रदूषण (air pollution) से मुक्त करवाने के लिए नगर निगम (Municipal Corporation) द्वारा जो कदम उठाए जा रहे हैं उसके चलते अब इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) के 113 चार्जिंग स्टेशन भी शहर में स्थापित किए जाएंगे। धीरे-धीरे पेट्रोल (petrol) और डीजल (diesel) चलित वाहनों की जगह सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल बढ़ रहा है, मगर सबसे बड़ी परेशानी चार्जिंग स्टेशनों (charging stations) की है। ऑइल कम्पनियों द्वारा केंद्र सरकार भी देशभर में चार्जिंग स्टेशन (charging station) बनवा रही है और अब नगर निगम (Municipal Corporation) ने भी इसका बीड़ा उठाया है। निगम के कुछ अधिकारियों को ये इलेक्ट्रिक वाहन (electric vehicle) दिए भी गए हैं, जिनकी चार्जिंग व्यवस्था निगम मुख्यालय के अलावा एआईसीटीएसएल में की भी की गई है। अब शहर के नागरिकों और अन्य व्यावसायिक वाहनों के लिए निगम ये स्टेशन बना रहा है, जिनमें से कुछ स्टेशन पीपीपी मॉडल पर भी तैयार करवाए जाएंगे।
केंद्र सरकार (central government) के भी प्रयास हैं कि आने वाले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाए, जिसके चलते अधिकांश वाहन निर्माता कम्पनियां भी अब इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर दे रही हैं। मगर एक सबसे बड़ी परेशानी चार्जिंग स्टेशनों की है। जिस तरह पेट्रोल पम्पों ( petrol pumps) का जाल बिछा है, उसी तरह चार्जिंग स्टेशनों (charging stations) का सेटअप भी शहर से लेकर राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों से लेकर हर प्रमुख सडक़ों पर करना होगा, तभी ये वाहन चल सकेंगे। हालांकि अभी जो वाहन आ रहे हैं, वे एक बार चार्ज करने पर 300 से 400 किलोमीटर की दूरी तय कर लेते हैं, जिसके चलते शहरों के भीतर इन वाहनों का इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि 40-50 किलोमीटर ही रोजाना औसत एक चार पहिया वाहन शहर में चलता है। नगर निगम (Municipal Corporation) 113 इलेक्ट्रिक वाहन (electric vehicle) चार्जिंग स्टेशन (charging station) शहर के प्रमुख बाजारों और व्यस्त क्षेत्रों में स्थापित करेगा। इनमें से 76 चार्जिंग स्टेशन पीपीपी मॉडल पर स्थापित करने की योजना है, जबकि 37 स्टेशन राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक एंड स्ट्रूमेंट्स लिमिटेड के साथ स्थापित करवाए जाएंगे। यह केंद्र सरकार से जुड़ी पब्लिक सेक्टर की कम्पनी है। पहले चरण में ये 113 चार्जिंग स्टेशन शहर के प्रमुख स्थानों पर तैयार किए जाएंगे, जिनमें बैटरी ऑपरेटेड वाहन, जिन्हें इलेक्ट्रिक वाहन (electric vehicle) कहते हैं, उन्हें चार्ज किया जाएगा। राजबाड़ा, जवाहर मार्ग, सियागंज, जूनी इंदौर, हाथीपाला, लोहा मंडी से लेकर शहर के प्रमुख बाजारों और कुछ सरकारी दफ्तरों में भी ये स्टेशन लगेंगे। निगम के सभी 19 झोनल कार्यालयों, पब्लिक पार्किंग स्थलों ( public parking places) के अलावा संभागायुक्त, कलेक्टर कार्यालय, पुलिस मुख्यालय पर भी ये चार्जिंग स्टेशन (charging station) रहेंगे। इन स्टेशनों पर अलग-अलग वाहनों को चार्ज करने की भी सुविधा रहेगी। कम से कम तीन वाहन एक साथ चार्ज हो सकें, इस तरह की व्यवस्था की जाएगी। अभी चूंकि इलेक्ट्रिक वाहन (electric vehicle) अलग-अलग श्रेणी के आते हैं, उसी आधार पर ये चार्जिंग स्टेशन (charging station) तैयार किए जाएंगे, जिनमें स्लो चार्जर, मीडियम से लेकर फास्ट चार्जिंग सिस्टम रहेगा। पिछले दिनों निगम ने बैटरीचलित लोडिंग वाहनों के इस्तेमाल की भी सलाह दी और दो साल तक उनको फ्री चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध करवाने का भी भरोसा दिलाया।
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