
नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister Piyush Goyal) ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों में (In International Trade Agreements) देश का हित सर्वोपरि रहेगा (Country’s Interest will be Paramount) । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एसोचैम की ओर से आयोजित ‘विकसित भारत की दिशा में वैश्विक प्रभाव का सृजन’ सत्र को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों में तभी प्रवेश करेगा जब वे देश के हितों की पूर्ति करेंगे।
उद्योग जगत के नेताओं और उद्यमियों के एक समूह को संबोधित करते हुए उन्होंने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र में मानसिकता में बदलाव के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सामूहिक विकास और छोटी व बड़ी कंपनियों के बीच आपसी सहयोग की दिशा में बदलाव का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें लक्ष्य, मार्गदर्शन और मानसिकता में बदलाव की जरूरत है। बड़ी हो या छोटी, कंपनियों को एक साथ बढ़ना होगा। हमें एक-दूसरे का समर्थन करना होगा और स्थानीय हितों के लिए मुखर होना होगा।
उन्होंने कहा कि छोटे और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए अनुसंधान, नए विचारों, गुणवत्ता और विस्तार पर ध्यान देना होगा। एमएसएमई हितधारकों से उन्होंने आग्रह किया कि वे सरकार को उन गैर-शुल्क बाधाओं के बारे में सक्रिय रूप से सूचित करें जो उनके व्यवसायों को प्रभावित कर रही हैं। उद्योग जगत के दिग्गजों से गोयल ने कहा कि केवल जब आप हमें सूचित करेंगे, तभी हम द्विपक्षीय चर्चाओं के दौरान इन मुद्दों को उठा सकते हैं और उनके समाधान की दिशा में काम कर सकते हैं।
व्यापक आर्थिक ढांचे पर विचार करते हुए उन्होंने वर्तमान बैंकिंग प्रणाली की तुलना पिछली यूपीए सरकार के कार्यकाल से की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बैंकिंग क्षेत्र का सफलतापूर्वक पुनर्गठन किया है। यूपीए शासन के दौरान, बढ़ते एनपीए के कारण बैंकिंग क्षेत्र चरमरा गया था। हमने इसे पारदर्शी तरीके से पुनर्गठित किया है। आज, बैंकिंग प्रणाली मजबूत है और अच्छा प्रदर्शन कर रही है।
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