
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Corona virus.) एक बार फिर चिंता बढ़ा रहा है। अब खबर है कि अमेरिका (America) में कोविड का नया सब वेरिएंट (New sub variant Covid) दस्तक दे रहा है, जिसके शिकार मरीजों में नए लक्षण देखे जा रहे हैं। फिलहाल, WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) और अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसियां इसपर नजर बनाए हुए हैं। वेरिएंट का नाम NB.1.8.1 है। खास बात है कि इससे पहले यह वेरिएंट चीन में भी मिल चुका है। हालांकि, भारत में इसके होने की कोई जानकारी नहीं है।
इस सब वेरिएंट को निम्बस नाम से भी पहचाना जा रहा है। खबर है कि मरीजों को गले में दर्दनाक खराश हो रही है। इसके चलते ही मरीज इसे रेजर ब्लेड थ्रोट नाम भी दे रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में CDC यानी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के हवाले से बताया जा रहा है कि 7 जून को खत्म हुए 2 सप्ताह के अंतराल में इस वेरिएंट के करीब 37 फीसदी मामले सामने आए थे।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यह वेरिएंट दुनिया के एक तिहाई मामलों की वजह बन सकता है। निम्बस का शिकार कुछ मरीज इसके चलते गले में होने वाले दर्द की तुलना कांच के टुकड़ों को निगलने से कर रहे हैं। इसके अलावा मरीज में नाक बंद होना या नाक बहना, थकान, हल्की खांसी, बुखार, शरीर में दर्द, दस्त जैसे लक्षण भी देखे जा रहे हैं।
भारत में कोविड के हाल
राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) ने बुधवार को कहा कि वह जीनोम अनुक्रमण कर रहा है और ओमीक्रॉन के चार नए उप-स्वरूपों को अलग कर रहा है, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे भारत में कोविड मामलों में हाल में हुई वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के तहत पुणे स्थित एनआईवी के निदेशक डॉ. नवीन कुमार ने कहा कि इस प्रयास से टीके की प्रभावशीलता का आकलन करने में मदद मिलेगी।
अप्रैल के दूसरे सप्ताह से कोविड मामलों में वृद्धि देखी गई। कुमार ने कहा कि पूरे भारत में नमूनों के जीनोम अनुक्रमण के बाद ओमीक्रॉन के चार उप-स्वरूप – एलएफ.7, एक्सएफजी, जेएन.1.16 और एनबी.1.8.1 पाए गए हैं।
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