
नई दिल्ली। क्रेडिट कार्ड (Credit Card Score) रखना अब आम बात हो गई है लेकिन क्रेडिट स्कोर (Credit Score) को बेहतर बनाए रखना अब भी एक बड़ी चुनौती है. ऐसा नहीं है कि समय पर कार्ड का पेमेंट करने से ही क्रेडिट स्कोर अच्छा रहता है. कुछ और कारण भी हैं जिनके चलते आपके स्कोर पर बुरा असर पड़ सकता है. कई क्रेडिट स्कोर अस्थायी होते हैं और आसानी से दोबारा हासिल किए जा सकते हैं. हम आपको आपके क्रेडिट स्कोर को अचानक से कम होने के बारे में बता रहे हैं.
जब आप एक नए क्रेडिट कार्ड(Credit Card ) के लिए आवेदन करते हैं तो कार्ड जारीकर्ता आपकी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करके हैं. क्योंकि वे यह देखना चाहते हैं कि ऋण देने से पहले आप कितना जोखिम उठा सकते हैं. इस क्रेडिट चेक को हार्ड इंक्वायरी, या “हार्ड पुल” कहा जाता है जो कि अस्थायी रूप से आपके क्रेडिट स्कोर को कुछ अंक कम कर देता है.
अपनी क्रेडिट रिपोर्ट पर गैर जरूरी ‘हार्ड पुल’ की संख्या को कम करने के लिए जांच करें कि क्या आप कार्ड जारीकर्ता के प्री-अप्रूवल या प्री-क्वालिफिकेशन ऑफर का उपयोग करके नए कार्ड के लिए पात्र हैं. 3 महीने के अंतराल में नए क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करें और अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है तो नया आवेदन करने से पहले और इंतजार करें.
क्रेडिट यूटिलाइजेशन 30 फीसदी से कम होना चाहिए, जबकि कुछ लोग इसे 10 प्रतिशत से नीचे होना बेहतर मानते हैं. आप अपने क्रेडिट कार्ड से बड़ी खरीदारी करें तो यह सुनिश्चित करें कि बिलिंग सायकल खत्म होने से पहले आप इसका पूरा भुगतान कर दें. क्योंकि कार्ड पर हाई बैलेंस बरकरार रखना ना सिर्फ आपके क्रेडिट यूटिलाइजेशन स्कोर (credit utilization score) के लिए खराब है बल्कि इस पूरी रकम पर आपको भारी-भरकम ब्याज भी देना पड़ेगा.
क्रेडिट कार्ड में पेमेंट हिस्ट्री सबसे बड़ा और अहम फैक्टर है जिससे आपका क्रेडिट स्कोर का निर्धारण होता है. इसलिए तय समय पर कार्ड का भुगतान नहीं करने पर आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ता है. यह कहने की जरूरत नहीं है, लैंडर और कार्ड जारी करने वाली कंपनियां इस बात पर विशेष ध्यान देती हैं कि क्या आपने अपने पिछले क्रेडिट कार्ड का समय पर भुगतान किया है?
FICO के आंकड़ों के अनुसार, क्रेडिट कार्ड के पेमेंट में 30 दिन की देरी से क्रेडिट स्कोर 17 से 37 अंक तक गिर सकता है और बहुत अच्छा क्रेडिट स्कोर 63 से 83 प्वाइंट तक नीचे जा सकता है. वहीं पेमेंट में 90 दिनों की देरी के कारण क्रेडिट स्कोर 27 से 47 अंक तक गिर जाता है जबकि एक्सलेंट स्कोर को 113 से 133 प्वाइंट तक गिर सकता है. ऐसे में अगर आपके क्रेडिट स्कोर में जितनी बड़ी गिरावट (fall) होगी उसका उतना ही बुरा असर होगा.
क्रेडिट कार्ड से लोन का भुगतान करते समय आपके क्रेडिट स्कोर में बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन मॉर्गरेज लोन या स्टूडेंट लोन को लेकर इसका विपरीत प्रभाव हो सकता है. कार लोन जैसी किसी चीज़ का भुगतान करने से वास्तव में आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है. इसका मतलब है कि आपके नाम पर एक कम क्रेडिट अकाउंट होना. हालाँकि कार्ड से लोन का पेमेंट करने से आपको कोई रोकता नहीं है.लेकिन कुछ क्रेडिट स्कोर अंक बचाने के लिए अनावश्यक ब्याज का भुगतान करने का कोई मतलब नहीं है.
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