
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को तमिलनाडु (Tamil Nadu) के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी से जुड़े नौकरी (Job) के बदले नकदी घोटाले मामले (Cash Scam Case) में 2000 से ज्यादा लोगों को शामिल करने के लिए सरकार की खिंचाई की। कोर्ट ने मामले के सभी आरोपियों और गवाहों (Accused and Witnesses) का ब्यौरा भी मांगा। जस्टिस सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने पूर्व मंत्री से जुड़े मामलों की सुनवाई को ‘बिना पतवार वाला जहाज’ करार दिया। पीठ ने कहा कि अगर न्यायिक हस्तक्षेप नहीं होता, तो अनिच्छुक राज्य घोटाले में पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी से जुड़े मामलों को गरिमापूर्ण ढंग से समाप्त करना चाहता था।
पीठ ने बालाजी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन से कहा कि 2000 से ज्यादा अभियुक्तों और 500 गवाहों के साथ यह भारत का सबसे ज्यादा भीड़-भाड़ वाला मुकदमा होगा। इसके लिए निचली अदालत का एक छोटा सा कोर्ट रूम काफी नहीं होगा और अभियुक्तों की उपस्थिति दर्ज कराने के लिए भी एक क्रिकेट स्टेडियम की जरूरत पड़ेगी। कई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित अभियुक्त अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए अचानक सामने आ जाएंगे। शंकरनारायणन घोटाले के पीड़ितों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे और मामलों को एक साथ जोड़ने के फैसले का विरोध कर रहे थे।
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