मुंबई। क्राइम पेट्रोल टीवी (Crime Patrol TV) का सबसे पॉपुलर शो है। ये शो न सिर्फ ऑडियंसों (Audiences) को अपराधों के बारे में अलर्ट करता है, बल्कि समाज की सच्चाई को भी पेश करता है। इस शो की सफलता का एक बड़ा कारण यह है कि इसमें रियलिटी को दिखाने के लिए हर पहलू पर गहरी रिसर्च की जाती है। यही कारण है कि शो के एक्टर्स को बिना मेकअप के शूटिंग करने के लिए कहा जाता है, ताकि वो असली पुलिस ऑफिसर्स की तरह दिखें और ऑडियंसों पर गहरी छाप छोड़ें।
क्राइम पट्रोल के कई सीजन डायरेक्ट करने वाले दर्शन राज ने एक इंटरव्यू में शो से जुड़े कई पहलुओं पर बात की थी. डायरेक्टर ने बताया कि उनके सेट पर पर एक्टर्स को बिना मेकअप के ही शूटिंग करने के लिए कहा जाता है। इसके पीछे का कारण यही था कि वो चाहते थे कि पुलिस के किरदार में नज़र आने वाले एक्टर ऑडियंस को असल में ही पुलिस लगें। शूटिंग के दौरान इकठ्ठा हुई भीड़ भी उन्हें असल में पुलिस ऑफिसर ही समझने लगती थी। यही उनके किरदारों की कामयाबी होती है और इसलिए उनके शो में मेकअप का कोई रोल नहीं।
इसके अलावा, शो के सेट पर एक और दिलचस्प पहलू यह है कि इसकी शूटिंग देश के 22 से अधिक राज्यों में की जाती है। कभी-कभी असली लोकेशन पर शूटिंग होती है, लेकिन अगर किसी घटना की शूटिंग किसी बस्ती में करनी होती है, तो वह मुंबई के किसी बस्ती में शूट कर ली जाती है। दर्शन ने यह भी बताया कि एक एपिसोड की शूटिंग से लेकर टीवी पर टेलीकास्ट तक लगभग एक महीने का समय लगता है।
दर्शन राज आगे बताते हैं कि, “यह सुनिश्चित किया जाता है कि हर केस पर रिसर्च की जाती है, और कभी भी अधूरी घटनाओं पर काम नहीं किया जाता। अगर किसी राज्य की किसी बस्ती में घटना हुई है, तो हम असली लोकेशन पर जाकर या मुंबई में सेट तैयार करके शूटिंग करते हैं।” इस प्रक्रिया को पूरा करने में समय तो लगता है, लेकिन इसका उद्देश्य यह होता है कि क्राइम पेट्रोल की सच्चाई और तथ्यपूर्णता को बनाए रखा जाए।
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