
इंदौर। साइबर अपराधों में इंदौर की सिम कार्ड का उपयोग बड़ी संख्या में हो रहा है। एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज कई शिकायतों में इंदौर की सिम कार्ड की जानकारी मिली है। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज कर आपरेशन फास्ट शुरू किया है। बताते हंै कि दो दर्जन संदिग्ध सिम की जांच की जा रही है। पहले देखने में आता था कि साइबर अपराधी ठगी और अन्य साइबर फ्रॉड के लिए असम, पश्चिम बंगाल, झारखंड की मोबाइल सिम कार्ड और बैंक खातों का उपयोग कर थे। लेकिन अब देखने में आ रहा है कि इंदौर की फर्जी सिम कार्ड का बड़ी संख्या में उपयोग हो रहा है।
एनसीआरपी पोर्टल पर पिछले कुछ समय में दर्ज हुई कई शिकायतों में यह बात सामने आई है कि ये सिम कार्ड इंदौर की हंै। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने इस मामले में केस दर्ज किया। एडीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि पुलिस अब दो दर्जन से अधिक ऐसी सिम कार्ड की जांच कर रही है, जिनका उपयोग ठगी में हुआ है। इसके लिए आपरेशन फास्ट शुरू किया गया है। क्राइम ब्रांच की टीम उन लोगों तक पहुंच रही है, जिनके नाम पर यह सिमकार्ड जारी हुई थीं, लेकिन उन लोगों का कहना है कि उन्होंने कोई सिम कार्ड जारी नहीं करवाई हैं।
उनके फर्जी दस्तावेज का उपयोग कर यह सिम कार्ड जारी की गई हैं। इसके पीछे कुछ मोबाइल कंपनियों के एजेंटों की मिलीभगत सामने आ रही है। कुछ को पुलिस जल्द ही गिरफ्तार करेगी। कुछ के नाम पुलिस को पता चले हैं। ज्ञात रहे कि कल भी दिल्ली पुलिस शान मियां को इंदौर से गिरफ्तार कर ले गई है। बताते हैं कि उसकी सिम कार्ड और बैंक खाते का उपयोग इंदौर में ट्रेडिंग ऐप से हुई लाखों की ठगी में किया गया था। इसके पहले भी कई मामलों में इंदौर से बाहर की पुलिस आरोपियों को पकडक़र ले गई है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved