
काकीनाडा/भुवनेश्वर। बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) से उठा चक्रवात ‘मोंथा’ (Cyclone ‘Montha’) मंगलवार रात आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के पूर्वी तट से टकराया, जिसने प्रदेश के कई जिलों में भारी तबाही मचा दी। यह चक्रवात माचिलिपटनम और कालिंगपट्टनम (Machilipatnam and Kalingapatnam) के बीच, काकीनाडा (Kakinada) के पास शाम करीब 7:30 बजे तट से टकराया। करीब चार घंटे तक चली तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश (Strong Winds and Torrential Rain) ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। हवा की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक दर्ज की गई, जबकि समुद्र में 10 फीट ऊंची लहरें उठीं।
तेज हवाओं ने पेड़ों और बिजली के खंभों को उखाड़ फेंका, कई इलाकों में बिजली व्यवस्था ठप पड़ गई। सड़कें जलमग्न हो गईं और राहत दलों को भारी बारिश के बीच सड़कें साफ करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आंध्र प्रदेश में एक महिला की मौत, हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
माकानापालेम गांव (मामिडिकुदुरु मंडल) में एक महिला की मौत हो गई जब तेज हवाओं से गिरा पेड़ उसके घर पर जा गिरा। राज्य सरकार ने प्रभावित इलाकों से 10,000 से अधिक लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था। कुल 65 गांवों के 12 तटीय मंडलों से मछुआरों और ग्रामीणों को हटाया गया।
काकीनाडा जिला कलेक्टर एस. शान मोहन ने बताया कि दो NDRF टीमें, एक SDRF यूनिट, 200 तैराक और 140 नावें राहत कार्य में जुटी हैं। उन्होंने कहा, “जरूरत पड़ने पर हेलीकॉप्टर से लोगों को निकालने के लिए हेलिपैड तैयार रखे गए हैं।” जिले में 76 चक्रवात राहत केंद्रों में 12,000 से अधिक लोगों ने शरण ली है। साथ ही 1,000 से ज्यादा पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
काकीनाडा और उप्पाडा में समुद्र का कहर
उप्पाडा क्षेत्र में समुद्र उफान पर आ गया, जिससे कई घरों में पानी भर गया और तटीय सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने काकीनाडा–उप्पाडा बीच रोड को सुरक्षा कारणों से सील कर दिया, क्योंकि समुद्री लहरें तटबंधों को पार कर अंदर तक घुस गईं।
हवाई सेवा पर असर, आठ उड़ानें रद्द
चक्रवात की वजह से राजमुंदरी हवाई अड्डे से आने-जाने वाली आठ उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। इससे तिरुपति, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और मुंबई की हवाई सेवाएं प्रभावित हुईं।
ओडिशा में भी असर, सड़कें और पहाड़ी रास्ते बंद
आंध्र से सटे ओडिशा में भी मोंथा के बाहरी छोरों ने कहर बरपाया। गंजाम और गजपति जिलों में 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और तेज बारिश हुई। कई इलाकों में पेड़ गिरने और भूस्खलन के कारण आर. उदयगिरी, पारलाखेमुंडी, ह्यूमा और काशीपुर की सड़कों पर आवाजाही रुक गई। हालांकि, अब तक किसी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
राज्य सरकार ने 2,000 से अधिक चक्रवात शेल्टर खोल दिए हैं और 158 राहत टीमें तैनात की गई हैं, जिनमें 5 NDRF, 30 ODRAF, और 123 फायर सर्विस यूनिट शामिल हैं। मुख्यमंत्री मोहन माजी ने कहा कि “अब तक 11,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, और आवश्यकता पड़ने पर 30,000 और लोगों को निकाला जाएगा।” उन्होंने राज्य की ‘जीरो कैजुअल्टी मिशन’ के तहत राहत कार्यों की समीक्षा की।
उपमुख्यमंत्री केवी सिंहदेव ने बताया कि कई इलाकों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिलों की रिपोर्ट मिलने के बाद किसानों को राहत राशि दी जाएगी।
मौसम विभाग की चेतावनी
आईएमडी महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि चक्रवात मोंथा का असर बुधवार तक बना रहेगा। दक्षिण ओडिशा में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना है, जबकि तूफान कमजोर होकर छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ेगा। क्षेत्रीय मौसम केंद्र प्रमुख मनोरमा मोहंती ने कहा कि बारिश शुक्रवार तक कम होगी, लेकिन गुरुवार को भी आंतरिक ओडिशा में छिटपुट वर्षा जारी रहेगी।
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