नेपाल। तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा (Tibetan Buddhist guru Dalai Lama) के बयान पर चीन बौखला उठा है। दलाई लामा (Dalai Lama) ने बुधवार को उनके उत्तराधिकारी (Successor) चुनने में चीन (China) की भूमिका को पूरी तरह खारिज कर दिया। इस पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। चीन ने दलाई लामा के बयानों को खारिज करते हुए कहा कि अगले दलाई लामा का चयन चीनी परम्पराओं के मुताबिक ही होगा। चीन ने यह भी कहा है कि उत्तराधिकारी के लिए चीन की मान्यता लेनी अनिवार्य होगी।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “उत्तराधिकारी के नाम पर चीन की मुहर लगनी जरूरी है। चीन में सदियों पुराने अनुष्ठान के माध्यम से इस प्रक्रिया को पूरा किया जाना चाहिए।” उन्होंने 18वीं शताब्दी में किंग राजवंश के सम्राट द्वारा शुरू की गई प्रथा का भी जिक्र किया। माओ ने कहा, “चीनी सरकार धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता की नीति लागू करती है, लेकिन धार्मिक मामलों के लिए भी नियम हैं।”
दलाई लामा ने किसे दिया अधिकार?
इससे कुछ घंटों पहले ही तिब्बती बौद्ध धर्म के सबसे बड़े आध्यात्मक नेता दलाई लामा ने पुष्टि की थी दलाई लामा की 600 साल पुरानी संस्था जारी रहेगी। इसे लेकर दुनियाभर के तिब्बती अनुयाइयों में दुविधा की स्थिति थी। दलाई लामा ने कहा है कि उनकी मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी के चयन में चीन की भूमिका नहीं होगी। उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के चयन की जिम्मेदारी गादेन फोडरंग ट्रस्ट को सौंपी हैं। दलाई लामा ने चीन का नाम लिए बिना कहा कि कोई भी अन्य व्यक्ति, संगठन या सरकार इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
90 वर्ष के हुए 14वें दलाई लामा
14वें दलाई लामा तेनज़िन ग्यात्सो इस सप्ताह 90 वर्ष पूरे कर लेंगें। गादेन फोडरंग ट्रस्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी समदोंग रिनपोछे ने बताया है कि दलाई लामा का स्वास्थ्य अच्छा है और उन्होंने उत्तराधिकार के बारे में अभी तक कोई लिखित निर्देश नहीं दिया है। उन्होंने यह भी बताया है कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी पुरुष या महिला कोई भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए तिब्बत की राष्ट्रीयता अनिवार्य नहीं होगी।
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